महिला दिवस पर विशेष भोजपुरी कविता  : “नाहीं कहली”

 “नाहीं कहली” खुलि के कबहूँ आपन उ बात नाहीं कहली, जागल जवन प्यार में ज़ज्बात

अजय तिवारी की कविता : “आज का व्यवहार”

“आज का व्यवहार” माया , मोह , लोभ, चिंता में भटक रहा संसार है। मैं

डीपी सिंह की कुण्डलिया

न्याय व्यवस्था देश की, बिल्कुल ही है भिन्न तय जवाब पहले करें, तदनुसार हल भिन्न

नीलांबर कोलकाता द्वारा रेणु की कहानी संवदिया पर बनी फिल्म की स्क्रीनिंग एवं संवाद कार्यक्रम संपन्न

आनंद गुप्ता : अररिया, रेणु ग्राम में लोक-हृदय सम्राट, आंचलिकता को हिंदी में स्थापित करनेवाले

कुरूक्षेत्रःअभिमन्यु सर्ग (अंतिम भाग)

कुरूक्षेत्रःअभिमन्यु सर्ग (अंतिम भाग) कर रहा वीर यों सिंहनाद, ज्यों मेघ कर रहे घोर नाद,

डीपी सिंह की मुक्तक

*मुक्तक* ===== हे हरि! हर ले हर चिन्ता अब तेरे द्वारे आया हूँ तेरे चरणों

श्याम कुमार राई की कविता : वादा तेरा वादा …..

वादा तेरा वादा ….. हुजूर ….. माई बाप ! ये अपनी घोषणाओं में आप जो

नीलांबर कोलकाता द्वारा रेणु की कहानी संवदिया पर बनी फिल्म की स्क्रीनिंग एवं संवाद का आयोजन

आनंद गुप्ता, कोलकाता : आंचलिक साहित्य को हिंदी में प्रतिष्ठित करने वाले सुप्रसिद्ध हिंदी कथाकार

अर्जुन तितौरिया की कविता : राम

*राम* अगर राम तुम नदी पार करो तो में केवट बन जाऊं, चरण धूल उस

डीपी सिंह की कुण्डलिया

*कुण्डलिया* करते टीका-टिप्पणी, केवल आठो याम। अब विपक्ष के पास बस, एक यही है काम।।