अर्जुन तितौरिया की मार्मिक कहानी – मन से लाचार
।।मन से लाचार।। अर्जुन तितौरिया रमेश जोर से झल्लाकर बोला हां जाओ चली जाओ मेरे
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया – चुनावी गणित मत दलितों से चाहिए, तो बन जाओ दीन मुसलमान से चाहिए,
राजीव कुमार झा की कविता – ‘स्कूल के बच्चे’
।।स्कूल के बच्चे।। राजीव कुमार झा सुबह घर से निकलते, जिंदगी की राहों पर अकेले
डीपी सिंह की रचनाएं
कब तांडव की बारी है? हे शिव शम्भो! राष्ट्र आपका, आज बहुत आभारी है कृपा
डीपी सिंह की रचनाएं
।।विपक्ष की परिभाषा।। हंगामा हो रक्त में, व्यवधानों में दक्ष। मिथ्याचारी हों निपुण, कहते उसे
डीपी सिंह की रचनाएं
मौसमी दोहे मौसम तो नेपथ्य से, रचता साज़िश मात्र। बादल, बारिश, कोहरा, बनें मञ्च के
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया गाली दें हिन्दुत्व को, निसि-दिन आठो याम तिलक लगाकर अब वही, घूमें चारो धाम
जस्टिस एन.के.जैन द्वारा डा.अखिल बंसल की कृतियों का विमोचन
आकाश जैन, जयपुर : म.प्र. मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एन.के. जैन द्वारा उनके निवास
युवा दलित साहित्यकार मंच (प.बं.) का पुनर्मिलन कार्यक्रम सम्पन्न
कोलकाता। युवा दलित साहित्यकार मंच द्वारा 02 जनवरी, 2022 को पुनर्मिलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं
ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की कविता – “फर्क”
फर्क ध्रुवदेव मिश्र पाषाण तुम काफी पढ़े लिखे हो। प्रकाशन-तंत्र में गहरी पैठ वाले हो।