श्याम कुँवर भारती की कविता : ‘अपना वतन चाहिए’
हिन्दी गीत – ।।अपना वतन चाहिए।। श्याम कुँवर भारती न शोहरत न दौलत मुझे अपना
संत परम्परा का सामाजिक-साहित्यिक योगदान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
उज्जैन । राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आगामी 5
डीपी सिंह की रचनाएं
।।सिक्के का दूसरा पहलू।। झूठ के गीत दुनिया में गाये गये सत्य के पथ में
सामयिक परिवेश बिहार अध्याय की काव्य गोष्ठी संपन्न
प्रसिद्ध कवियों और कवयित्रियों ने बसंत पर आधारित रचनाओं, कविताओं, गीतों और गज़लों से अद्भुत
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हिन्दी के साथ कवियों ने क्षेत्रीय भाषा का परचम लहराया
कविता में जो ताकत होती है वह भाषण में नही होती है : जगदीश मित्तल
एक रोचक साक्षात्कार युवा कवि अरविंद कुमार भ्रमर से, वरिष्ठ पत्रकार राजीव कुमार झा द्वारा
वाराणसी के युवा कवि अरविंद कुमार भ्रमर के लिए काव्य लेखन महज एक शौक भर
रामा श्रीनिवास ‘राज’ की कविता : “क्या स्वतंत्र है”
।।क्या स्वतंत्र है।। रामा श्रीनिवास ‘राज’ क्या स्वतंत्र है खुली हवा में कहीं गया अभ्यास
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की जयंती पर विशेष
वर दे, वीणावादिनि वर दे! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे! श्रीराम पुकार
‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती’ के शुभ अवसर पर बही काव्य की गंगा
कोलकाता। छत्रपति वीर शिवाजी महाराज की जयंती’ के शुभ अवसर पर श्रीराम वन गमन पथ
नवसृजन : एक सोच साहित्यिक समूह द्वारा लघुकथा पाठ और संवाद का कार्यक्रम
कोलकाता, 20 फरवरी, नवसृजन : एक सोच साहित्यिक समूह द्वारा लघुकथा पाठ और संवाद का