डॉ. आर.बी. दास की रचना : आजकल दिखावे का दौर है!
कोई कहता है धोखा हमें वक्त ने दिया, कोई कहता है धोखा हमें किस्मत ने
अशोक वर्मा “हमदर्द” की दिल को छू लेने वाली कहानी : बिछुडन
(प्रथम किश्त) अशोक वर्मा “हमदर्द” कोलकाता। चमकते हुए चाँद की रोशनी से नहाई हुई उस
श्री गोपाल मिश्र की कविता : गर्भपात
।।गर्भपात।। कुंठा शापित गर्भपात समदर्शिता का दर्शन होता.. जगत, बस इसी सूत्र में गुँथा होता।
राष्ट्रीय कवि संगम में कवियों का कविता वाचन- जहाँ न पहुंचे रवि, वहाँ पहुंचे कवि
भारतीय इतिहास बाँए हाथ से लिखा गया- डॉ. ऋषिकेश राय कोलकाता। राष्ट्रीय कवि संगम के
विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम की कविता का हिंदी अनुवाद
।।विद्रोही।। मूल बांग्ला कविता : काजी नजरूल इस्लाम (हिंदी अनुवाद : श्री गोपाल मिश्र) 1/9
डॉ. आर.बी. दास की रचना
उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूं… ऐ जिंदगी… तेरी हर चाल के लिए मैं, दो
श्री गोपाल मिश्र की रचना : एक घोटाला किरणों का
।।एक घोटाला किरणों का।। ऐ धूप! हे चाँदनी! न लाओ अपने पार्थिव कलह, मेरे दिव्य
शुभम साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था का कवि सम्मेलन सम्पन्न
बरेली। शुभम साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था के कवि सम्मेलन में योजना आयोग के सदस्य उमेश
खाकुड़दा : आंचलिक भाषाओं को बचाना बड़ी चुनौती
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत खड़गपुर तहसील के बेलदा स्थित खाकुड़दा
अशोक वर्मा “हमदर्द” की दिल को छू लेने वाली कहानी : जुदाई प्यार का
अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। प्यार एक अहसास है जो किसी भी सीमा या धर्म के