
उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूं…
ऐ जिंदगी…
तेरी हर चाल के लिए मैं,
दो चाल लिए बैठा हूं…
लुत्फ उठा रहा हूं,
मैं भी आंख मिचौली का,
मिलेगी कामयाबी,
हौसला कमाल का लिए बैठा हूं…
चल मान लिया,
दो चार दिन नहीं
मेरे मुताबिक…
गिरेबान में अपने,
ये सुनहरा साल लिए बैठा हूं…
ये गहराइयां,
ये लहरें, ये तूफान
तुझे मुबारक…
मुझे क्या फिक्र;
मैं कश्तियां और दोस्त,
बेमिसाल लिए बैठा हूं…

Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission
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