डीपी सिंह की रचनाएं

किरकिरी कैसे आँखों का अञ्जन हुआ सोचिए! कब कहाँ कैसे मन्थन हुआ पटकथा तो कहीं

कवि कल्प द्वारा नववर्ष को काव्यांजलि

कोलकाता : नए वर्ष के शुभ अवसर पर कोलकाता की प्रतिष्ठित संस्था ‘बंगीय हिन्दी परिषद’

डीपी सिंह की रचनाएं

पीएम सुरक्षा में चूक या साजिश? सीएम, डीजीपी, सचिव, गायब मुखिया लोग ये पीएम के

संजय जायसवाल की कविता : “उम्रकैद”

“उम्रकैद” संजय जायसवाल आसमान पर रात भर टहलते चांद को देखता रहा अलसुबह तुम सामने

संजय जायसवाल की कविता- ख्वाहिशों की पोटली

‘ख्वाहिशों की पोटली’ संजय जायसवाल वक्त की दीवार पर आहिस्ते से रख दी है मैंने

रीमा पांडेय की कविता – निखर गया कोई

।।निखर गया कोई।। रीमा पांडेय दिल है खुशियों से भर गया कोई मेरे मन को है

ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की कविता – अलविदा २०

अलविदा – २० ध्रुवदेव मिश्र पाषाण बे-औलाद-सा बंजर रावण-सा डरावना साल बीता रोता रहा वन-वन

डीपी सिंह की कुण्डलिया

कुण्डलिया – चुनावी गणित मत दलितों से चाहिए, तो बन जाओ दीन मुसलमान से चाहिए,

राजीव कुमार झा की कविता – ‘स्कूल के बच्चे’

।।स्कूल के बच्चे।। राजीव कुमार झा सुबह घर से निकलते, जिंदगी की राहों पर अकेले

डीपी सिंह की रचनाएं

कब तांडव की बारी है? हे शिव शम्भो! राष्ट्र आपका, आज बहुत आभारी है कृपा