रीमा पांडेय की कविता – निखर गया कोई

।।निखर गया कोई।।

रीमा पांडेय

दिल है खुशियों से भर गया कोई
मेरे मन को है हर गया कोई

मेहनत करके इस जहां में है
यार देखो निखर गया कोई

तोड़कर के मेरा यकीने दिल
मेरे दिल से उतर गया कोई

कामयाबी की सोच दिल में रख
एकदम से सँवर गया कोई

मधु भरी बातों का असर यह था
जैसे दिल में उतर गया कोई

यह खुदा की ही नेमत है रीमा
राहें आसान कर गया कोई

कवित्री रीमा पांडेय