श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : प्राण वाहक

प्राण वाहक श्रीराम पुकार शर्मा “उस्ताद! आपने जैसा कहा था, वैसा ही पाँच पैकेट भोजन

श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : सेवानिवृति

सेवानिवृति श्री पशुपतिनाथ जी गत कल ही अपनी सरकारी सेवा से निवृत हुए हैं। सेवानिवृति

श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : “ऐसा भी हो सकता है?”

एक सफाई कर्मचारी माँ की सेवानिवृति समारोह में उसे तीन बड़े अधिकारी बेटे मुख्य इंजीनियर,

श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : “माई! मुझे माफ़ कर दो”

“माई! मुझे माफ़ कर दो” ‘माँ या बाप अकेले अपनी सभी सन्तानों के सभी बोझ

यात्रा वृत्तांत : आपातकालीन सीट

मेरी मुलाकात तुमसे रेलगाड़ी के सफ़र दौरान हुई। मेरी रिजर्व्ड सीट पर तुम बैठी थी।

श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : नेकी कर दरिया में डाल

नेकी कर दरिया में डाल “क्यों बाबू श्यामलाल जी! इसी को न कहते हैं ‘नेकी

श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : ‘दहेज दानव’

शादी-ब्याह को व्यापार का रूप देने वाले दहेज लोभियों की दानवी मनोवृति को दर्शाती यह

श्रीराम पुकार शर्मा की हास्य-व्यंग्य लेख : भाग कोरोना भाग रे

भाग कोरोना भाग रे (लम्बी है, पर अतिरोचक हास्य-व्यंग्यात्मक) चुकी ‘लॉकडाउन’ की लगातार भयावह स्थिति

श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : राम नाम सत्य है

राम नाम सत्य है ‘बापू! पैसे दो न। हम भी फटाका खरीदेंगे। वो पास के

श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : पानी रे! तेरा रंग कैसा?

पानी रे! तेरा रंग कैसा? पंडित कैलाशनंदन जी कुछ दिन पूर्व ही अपनी सेवा से