कुण्डलिया
मय कुटुम्ब हो आप को, मङ्गलमय नव-वर्ष
सकल विश्व में शान्ति हो, पायें सब उत्कर्ष
पायें सब उत्कर्ष, हर्ष की रहे न सीमा
हों समाप्त संघर्ष, व्याधि का स्तर हो धीमा
स्वस्थ-सुखी समृद्ध, सभी हों बाल-वृद्ध-वय
वातावरण सुरम्य, और हो सुक्ख-शान्तिमय
डीपी सिंह