डीपी सिंह की रचनाएं

गन्दे होते हैं बहुत, बवासीर – से रोग
असल दर्द होता कहीं, कहीं बताते लोग

कहीं बताते लोग, यही है गति विपक्ष की
पट पर मोदी नाम, बना किरकिरी अक्ष की

सनातनी सेंगोल, सेकुलर संसद – बन्दे
सोचो! कितने ऑड, लगेंगे कितने गन्दे

डीपी सिंह

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