अब तो कागा भी सन्देश लाते नहीं
और कबूतर भी चिट्ठी ले जाते नहीं
याद आते ही नम्बर मिलाते हैं सब
हिचकियों के तो नम्बर ही आते नहीं
-डीपी सिंह
अब तो कागा भी सन्देश लाते नहीं
और कबूतर भी चिट्ठी ले जाते नहीं
याद आते ही नम्बर मिलाते हैं सब
हिचकियों के तो नम्बर ही आते नहीं
-डीपी सिंह