भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव : अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं

।।अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।। किशन सनमुखदास भावनानी जांबाजी और जज्बा दिखाकर बहुत दिलेरी

व्यंग : अमिताभ अमित की कलम से – दाढ़ी चर्चा

कुछ वक्त पहले पाकिस्तान मे कुछ नाई इसलिये जेल भेज दिये गये थे क्योकि उन्होने

व्यंग : अमिताभ अमित की कलम से – दोस्ती का दिन

सुना है आज दोस्ती का दिन है! पर जैसा कि आप सब जानते हैं हम

व्यंग : अमिताभ अमित की कलम से – खबर सौ फ़ीसदी दुरुस्त है!

अमिताभ अमित । जमालपुर निवासी एक आदमी ने एक बड़े पुलिसिए को मुक्का मारा, जानते

डीपी सिंह की रचनाएं

 ।।राज-धर्म।। जिनके कुकृत्य ख़ुद चीख चीख बोलते हैं पार्टियाँ ही वही राजनीति भी सिखाती हैं

भारत के भाल और मेरे भाल के बीच तुलनात्मक व्यंग्य रचना… डीपी सिंह

।।भारत के भाल और मेरे भाल के बीच तुलनात्मक व्यंग्य रचना।। बाथरूम में मचा हुआ