भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव : अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं

।।अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।।
किशन सनमुखदास भावनानी

जांबाजी और जज्बा दिखाकर बहुत
दिलेरी से काम करता हूं,
ऊपर से ढीली कार्यवाही का भरोसा पाता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।

पकड़े जाने पर कुछ नहीं होगा
ऐसी उम्मीद ऊपर से पाया हूं,
निलंबित होकर शीघ्र वापस आने का भरोसा पाया हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।

प्रक्रिया बहुत लंबी है यह मैं जानता हूं
कानूनी बारीकियों को मैं पहचानता हूं,
मेरे साथ सब मिलीभगत है यह भी जानता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।

हमाम में सब लोग वो हैं यह जानता हूं
इस क्षेत्र में सब एक जैसे हैं पहचानता हूं,
सबकी पोल के तार मेरे से जुड़े हैं जानता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।

प्रक्रिया में उम्र बीत जाएगी यह मैं जानता हूं
हम सब आपस में हैं यह पहचानता हूं,
गुलाबी की लंबी पहुंच है जानता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *