महात्मा गांधी का हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रसार में योगदान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में विद्वानों ने विचार व्यक्त किया
दुनिया की सार्वदेशीय और विश्व की प्रथम लिपि है देवनागरी – प्रो. शर्मा उज्जैन। राष्ट्रीय
विक्रम विश्वविद्यालय में आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी जयन्ती समारोह एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
उच्च कोटि के विद्वान और आलोचक थे आचार्य त्रिपाठी : प्रो. मेनन आचार्य त्रिपाठी एक
कविवर डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन जयंती प्रसंग पर हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला द्वारा प्रख्यात कवि एवं पूर्व कुलपति पद्मभूषण
प्रेमचंद का साहित्य : समाज और संस्कृति के सरोकार पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
उज्जैन । राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, हिंदी परिवार एवं भारतीय ज्ञानपीठ महाविद्यालय, उज्जैन द्वारा प्रेमचंद जयंती
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