आशा विनय सिंह बैस की कविता : भगवान श्री राम
बचपन मे मां के गोदी लेने पर पिताजी द्वारा सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देने
राजीव कुमार झा की कविता : सिनेमा
।।सिनेमा।। राजीव कुमार झा मौसम प्यार के वायदों को लेकर घर पर आया यहां जिंदगी
डॉ. राम बहादुर दास की कविता : जिंदगी
“जिंदगी“ बहुत कुछ लिख-लिख कर मिटाया है मैने, ठीक ना होने पर भी ठीक बताया
राजीव कुमार झा की कविता : गुलाब की कली
।।गुलाब की कली।। राजीव कुमार झा गुलाब की महकती ख़ामोश कली याद आती उन दिनों
राजीव कुमार झा की कविता : रविवार के दिन
रविवार के दिन राजीव कुमार झा सुबह से आकाश में ठंड धूप के आने का
डीपी सिंह की रचनाएं
।।जय श्री राम।। जय राम का उद्घोष करती राम की सेना चली, सुग्रीव अङ्गद ऋक्षपति
राजीव कुमार झा की कविता : सारी दुनिया में
।।सारी दुनिया में।। राजीव कुमार झा खामोशियों में घिरे लोग बदनाम होने लगते शक की
राजीव कुमार झा की कविता : दोस्ती के दिन
।।दोस्ती के दिन।। राजीव कुमार झा जिंदगी के ख्वाबों में यह हसीन सुबह नयी रंगत
राजीव कुमार झा की कविता : जिंदगी का आंगन
।।जिंदगी का आंगन।। राजीव कुमार झा तुम प्यार में सिर्फ स्वार्थ की बातें सदैव करती
भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव : मिमिक्री
।। मिमिक्री।। किशन सनमुखदास भावनानी लंबे समय से मिमिक्री का सरताज रहा हूं हजारों लाखों