डॉ. आर.बी. दास की कविता : कीजिए
।।कीजिए।। डॉ. आर.बी. दास न चादर बड़ी कीजिए, न ख्वाहिशें दफन कीजिए। चार दिन की
राजीव कुमार झा की कविता : अपना साथ
।।अपना साथ।। राजीव कुमार झा शीत की धूप ढलने के बाद प्यार में रातें गुजारना
डॉ. आर.बी. दास की कविता : प्रार्थना – जो सुन ली गई
।।प्रार्थना- जो सुन ली गई।। डॉ. आर.बी. दास मैने भगवान से मांगी शक्ति उसने मुझे
डॉ. आर.बी. दास की कविता : क्या राष्ट्र धर्म
।।क्या राष्ट्र धर्म।। डॉ. आर.बी. दास चल उठ नेता तू छेड़ तान! क्या राष्ट्र धर्म!
आशा विनय सिंह बैस की कविता : सच में मेरे राम आने को हैं
।।सच में मेरे राम आने को हैं।। आशा विनय सिंह बैस शिशु तुतलाकर पहली बार
डॉ. राम बहादुर दास की कविता : कुछ रिश्ते
।।कुछ रिश्ते।। डॉ. राम बहादुर दास कुछ रिश्ते सबसे अपने होते हैं, ना मांगते हैं
डॉ. राम बहादुर दास की कविता : सबके हिस्से में नहीं आता
।।सबके हिस्से में नहीं आता।। डॉ. राम बहादुर दास “सबके हिस्से में” ये जमी, ये
आशा विनय सिंह बैस की कविता : भगवान श्री राम
बचपन मे मां के गोदी लेने पर पिताजी द्वारा सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देने
राजीव कुमार झा की कविता : सिनेमा
।।सिनेमा।। राजीव कुमार झा मौसम प्यार के वायदों को लेकर घर पर आया यहां जिंदगी
डॉ. राम बहादुर दास की कविता : जिंदगी
“जिंदगी“ बहुत कुछ लिख-लिख कर मिटाया है मैने, ठीक ना होने पर भी ठीक बताया