।।इंकलाब जिंदाबाद।।
राजीव कुमार झा

ब्रिटिश शासन का
नाश हो
भारत में
जनता का राज हो
सबके पास
अब रोजगार हो
गली – गली में
आजादी की छांव हो
देश का हर गांव
यहां किसान मजदूर
खुशहाल हो
भगत सिंह, राजगुरु
सुखदेव का यह सपना
साकार हो
स्वतंत्रता सबके गले का
हार हो
देश की हर नारी
गंगा की धार हो
यहां आदमी और
आदमी में प्रेम का
संवाद हो
अब दंगे फसादों की
कहीं कोई भी नहीं
अफवाह हो
सबके मन में साहस का
संचार हो
देश के सभी शहर में
समृद्ध बाजार हो
यहां कभी कोई भी नहीं
लाचार हो

राजीव कुमार झा, कवि/ समीक्षक
Shrestha Sharad Samman Awards

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