गूगल अनुवाद दिवस 28 अप्रैल पर विशेष लेख

नई दिल्ली। गूगल ट्रांसलेटर गूगल की तरफ से एक ऑनलाइन टूल है। इसकी शुरुआत 28 अप्रैल 2006 को हुई। गूगल अनुवाद, गूगल नामक कंपनी द्वारा विकसित एवं परिचालित एक अनुवाद सॉफ्टवेयर एवं सेवा है। यह एक भाषा के टेक्स्ट/वेब पेज का दूसरी भाषा में अनुवाद करता है। इस कार्य हेतु गूगल अपना स्वयं का अनुवाद सॉफ्टवेयर प्रयोग करता है जो सांख्यिकी मशीनी अनुवाद है।

आज की स्थिति के अनुसार गूगल अनुवाद विभिन्न स्तरों पर 109 भाषाओं में अनुवाद उपलब्ध कराता है और लगभग 20 करोड लोगों को अनुवाद सेवा प्रदान करता है। इस सॉफ्टवेयर में हिंदी से अन्य भाषाओं में तथा अन्य भाषाओं से हिंदी में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध है। इसमें देवनागरी में भी लिखा जा सकता है।

गूगल की अनुवाद सेवा में पहले टेक्स्ट, ऑडियो और फोटो से टेक्स्ट का विकल्प था लेकिन फोटो से टेक्स्ट में इंग्लिश से हिंदी अनुवाद नहीं कर सकता था। अब कंपनी ने नया अपडेट लांच किया गया। यह सेवा लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो अक्सर बाहर घूमने जाते हैं और साइन बोर्ड पढ़कर समझने की कोशिश करते हैं। अब गूगल ट्रांसलेट का फोटो खींचकर यह बताने में सक्षम है।

गूगल ट्रांसलेट एप्लीकेशन को एंड्रॉयड फोन के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। मशीनी अनुवाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की सहायता से एक प्राकृतिक भाषा के टेक्स्ट या कही गई बात को दूसरी प्राकृतिक भाषा में अनुवाद करने को मशीनी अनुवाद कहते हैं।

कैसे काम करता है : गूगल ट्रांसलेट असल में एक खास तरह के एल्गोरिदम पर काम करता है। यह एल्गोरिदम मशीन लर्निंग पर काम करता है और गूगल का मशीन लर्निंग हमारे लिखी हुए पैराग्राफ या लाइव अपडेट करने के लिए उसका एक लैंग्वेज डाटाबेस बनाता है। फिर उस डाटाबेस के जरिए आपके लिखे लाइन/पैराग्राफ का उचित अनुवाद किया जाता है।

क्या गूगल पिक्चर को ट्रांसलेट कर सकता है : गूगल ने अभी हाल में एक नया फीचर जोड़ा है। जिस से आप किसी के लिखे भाग को फोटो क्लिक करके सीधा उसका अनुवाद अपने मनचाहे भाषा में पा सकते हैं। बस आपको कैमरा वाले आइकॉन पर सिलेक्ट करके अपने मनचाहे पिक्चर या किताब के पीछे का फोटो लेना है।

गूगल अनुवाद की शुद्धता : गूगल ट्रांसलेट हिंदी से इंग्लिश भाषा में जो अनुवाद देता है वह करीब 94 प्रतिशत सही होता है लेकिन जब इंग्लिश से हिंदी अनुवाद करते हैं तो 60 से लेकर 80 प्रतिशत तक आपको शुद्ध होता है। इसका कारण यह है कि गूगल जो डेटाबेस बनाता है वह मूलतः अग्रेज़ी में होता है।

गूगल के कुछ ब्लंडर :
वाक्यांश –
1. Startup engagement – स्टार्टअप सगाई मंच
2. Demonetization- दानवीकरण
3. Steel Articles- इस्पात लेख

वाक्य :
1. Chief of the Army Ngo Dinh Diem replaced the king Bao Die .
दक्षिण वियतनाम के सशत्र बलों के प्रमुख ‘गैर सरकारी संगठन’ डीन्ह डिएम ने राजा बाओ डाइ को सत्ता से हटा दिया।

2.The politburo and The Central committee are the two arms of CPI.
पोलितब्यूरो और केंद्रीय समिति सीपीआई के दो हथियार हैं।

और सबसे बेहतरीन
3. Ladies changeover room
महिलाओं को बदलने का स्थान।

गूगल अनुवाद से लाभ :
1. एक अनुभवी और पेशेवर यानी अनुवादक कई बार काफी महंगा पड़ सकता है। गूगल अनुवाद यह काम निःशुल्क करता है।
2. गूगल ट्रांसलेट काफी तेज है और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
3. जहां एक अनुभवी अनुवादक दिन भर में करीब 2000 शब्दों यानी तीन-चार सौ शब्द प्रति घंटे का अनुवाद कर सकता है वहीं दूसरी ओर गूगल ट्रांसलेट कुछ ही सेकंड में इतने शब्दों का अनुवाद कर सकता है।

4. जिस फाइल में तमाम तरह की टेबल और चार्ट बने रहते थे, कंप्यूटर (एम एस ऑफिस) का ज्ञान न रखने वाले अनुवादको के लिए उस फ़ाइल का अनुवाद करना बड़ा मुश्किल कार्य हुआ करता था। क्योंकि हाथ से टेबल और चार्ट बनाना आसान नहीं है और कंप्यूटर से यह करना सबके बस की बात नहीं है। किंतु अब यह कार्य बेहद आसान हो गया है क्योंकि गूगल अनुवाद फॉर्मेट से छेड़छाड़ नहीं करता है। अनुवाद में कुछ भी गलती हो जाए लेकिन फॉर्मेट वही रहता है। अब गूगल अनुवाद से पूरी फाइल का एक साथ अनुवाद किया जाए तो उसका फॉर्मेट बिगड़ता नहीं है।

5. सरकार के उन कार्यालयों में जहां अनुवादकों को एक दिन में 10-12 पेज तक का अनुवाद करना पड़ता है, वहाँ पर इतने पेज का अनुवाद हाथ से करना अत्यंत श्रमसाध्य था। बाद के पेज की राइटिंग गड़बड़ होने लगती थी और जिनकी राइटिंग खराब है, उनका अनुवाद पढ़ना टाइपिस्ट के लिए बहुत मुश्किल हो जाता था। गूगल ज़्यादातर अनुवाद और टाइपिंग खुद ही कर देता है। अतः टाइपिंग का थोड़ा सा भी ज्ञान रखने वाला अनुवादक थोड़े बहुत सुधार के साथ टाइप किया हुआ अनुवाद प्रस्तुत कर सकता है। इससे संपादक और प्रूफ रीडर का कार्य काफी आसान हो जाता है।

हानि :
1. गूगल अनुवाद सरल सीधा अनुवाद तो आसानी से कर लेता है लेकिन तकनीकी और क्लिष्ट भाषा का अनुवाद नहीं कर पाता है।
2. अनुवाद की गुणवत्ता भाषा पर निर्भर करती है। कौन सी भाषाएं शामिल हैं उनसे भी काफी फर्क पड़ता है। गूगल का डेटाबेस मुख्य रूप से मौजूदा सबसे ज्यादा ऑनलाइन के आधार पर बनाया गया था इसलिए खासकर इंग्लिश और स्पेनिश अनुवाद ज्यादा सही मिलते हैं जबकि अन्य भाषाओं का काफी कम डेटाबेस तैयार है जिनमें ग्रामर की गलतियां होती है।
3. गूगल में ट्रांसलेशन की गलतियों को ठीक करने का कोई तरीका नहीं है। गलतियां दोहराने से बचने के लिए रिपोर्ट करने का भी कोई ऑप्शन नहीं है।
4. इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है।
5. गूगल ट्रांसलेशन गोपनीयता नहीं रखता है।

लिंगभेद का आरोप : गूगल ट्रांसलेट के साथ लिंग भेद का आरोप भी जुड़ा हुआ है। जैसे कि- यह सभी चिकित्सकों को पुरुष और नर्सों को महिला मानता है।

गूगल अनुवाद; वरदान या अभिशाप : महान कवि रामधारी सिंह दिनकर ने विज्ञान के लिए कहा था कि विज्ञान दोधारी तलवार है। इसी तरह गूगल अनुवाद का सही उपयोग समय और श्रम बचाता है। आवास का ढांचा यह खड़ा कर देता है, जिस पर सुसज्जित घर बनाना आसान हो जाता है। किन्तु यदि गूगल अनुवाद को ही अंतिम सत्य मान लिया जाए तो यह अर्थ का अनर्थ भी कर सकता है (उदाहरण के लिए संलग्न चित्र में ऑफिसर मेस का हिन्दी अनुवाद देखें)

कहने का अर्थ यह कि साधारण अनुवाद के लिए तो गूगल ट्रांसलेट का सहारा लिया जा सकता है लेकिन जहां पर दो देशों के रिश्ते, राजनीतिक/कूटनीतिक मामले या वित्तीय लेन-देन शामिल हो ऐसे मामलों में गूगल अनुवाद कभी नहीं किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष : किसी भी मशीन की तरह गूगल अनुवाद कार्य को आसान बनाता है। किन्तु यह भावनाओं और संदर्भ का ख्याल किए बिना सिर्फ और सिर्फ शब्दों का अनुवाद करता है। इसीलिए गूगल अनुवाद साधन है, साध्य नहीं। मशीन का मानव बनना अभी भी शेष है।

(विनय सिंह बैस)
अनुवाद अधिकारी

विनय सिंह बैस, लेखक/अनुवाद अधिकारी

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