।।दीवाना।।
राजीव कुमार झा
नर्म अहसासों से
सुबह रोशनी मन को
जगाती
अंधेरे में सितारों के
पास
तुम पलकें बिछाती
हवा को
बांहों में समेट कर
समंदर में
आकाश सिमट
जाता
जिंदगी में इन
खुशियों को लेकर
तुम्हारा आना
उस दिन मुस्कुराना
कभी फिर पास
आना
प्यार का दीवाना