relationship

डॉ. राम बहादुर दास की कविता : कुछ रिश्ते

।।कुछ रिश्ते।।
डॉ. राम बहादुर दास

कुछ रिश्ते सबसे अपने होते हैं,
ना मांगते हैं कुछ,
ना अहसान जताते हैं,
बस दुआओं से झोली भर जाते हैं…

कुछ रिश्ते बड़े खरे होते हैं,
क्या दिया क्या लिया
कोई नाप तोल नहीं,
चाहे प्यार हो या नाराजगी,
फिर भी हर हाल में निभाते हैं…

कुछ रिश्ते इतने खामोश होते हैं कि,
शोर नहीं मचाते अपने होने का,
पर जब भी दुःख की
घड़ी हो,
बिन कहे दर्द बांट,
जीने का हौसला देते हैं…

कुछ रिश्ते इतना बड़प्पन लिए होते हैं
चाहे कितना भी बड़ा हो खुद का रूतवा,
सामने वाले को कभी ,
छोटा महसूस नहीं कराते…

कुछ रिश्ते कहने को तो बड़े गैर से होते हैं,
पर अजनबीपन हम उसमे ढूंढ नहीं पाते,
वो अपनों से ज्यादा प्यार लुटाते हैं…

कुछ रिश्ते साथ में कही नजर नहीं आते हैं,
पर इतने रूहानी होते,
कि ताउम्र रूह में बसते हैं,
सांसों को जीवन देते हैं,
कुछ रिश्ते…

डॉ. राम बहादुर दास
सलाहकार,
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (UGC)

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