वास्तु टिप्स जानिए पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री जी से

वाराणसी। वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। चूंकि घर हो, ऑफिस हो या दुकान। यह सभी स्थान वास्तु से प्रभावित रहते हैं। इसलिए यहां के वास्तु दोषों को समाप्त करना अति आवश्यक होता है। वास्तु दोष को समाप्त करने के कुछ टिप्स नीचे दिए गए हैं :-

1. किसी भी भवन के निर्माण के पूर्व उसकी नींव खोदी जाती है। अगर नींव खोदते समय भूखण्ड से रूई या कोयला निकलता है तो अशुभ माना जाता है। ऐसे भूखण्ड पर भवन बनाने का विचार त्याग देना चाहिए।
2. यदि भवन के पिछवाड़े गहरा गड्ढा, कुआं या काफी नीचा स्थल हो तो वह भी परेशानी पैदा करता है। यदि ऐसा है तो उसे समतल करवा दें। दोष समाप्त हो जाएगा।
3. निर्मित भवनों के कोने आमने-सामने न हों अन्यथा मस्तिष्क पर नुकीला प्रभाव पड़ेगा।
4. भवन के पास बड़े व भारी वृक्ष न हों। इनसे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
5. छत पर चील, कौए आदि के बैठने से इनकी परछाई भवन पर पड़ती है जो शुभ नहीं है।
6. घर के सामने या बाईं ओर मंदिर न हो। मंदिर की परछाई भी घर पर नहीं पडनी चाहिए।
7. भूखण्ड के चारों कोणों का अनुपात सही न होने पर भी मानसिक अशांति बनी रहती है।
8. घर के आस-पास रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, सिनेमाघर, स्कूल या आवागमन के सार्वाजनिक स्थान नहीं होना चाहिए। इनसे मानसिक तनाव पड़ता है।

फेंगशुई – ऐसे मिलेगी सफलता : फेंगशुई हमारे जीवन की कई परेशानियों का समाधान करता है। समस्या चाहे दाम्पत्य की हो, व्यापार-व्यवसाय की या कोई और। फेंगशुई के उपाय सभी परेशानियों का हल करने में उपयोगी हैं। ऐसे ही कुछ उपाय नीचे लिखे गए हैं जिन्हे अपनाकर आप कार्यक्षेत्र में अप्रत्याशित सफलता पा सकते हैं।

पानी का फव्वारा : यदि आपके कार्यक्षेत्र में बार-बार व्यवधान आ रहे हैं और किसी कार्य में सफलता नहीं मिल रही तो उत्तर दिशा में बहते पानी का फव्वारा रखने से सफलता मिलेगी।
संगीत घड़ी : मधुर संगीत उत्पन्न करने वाली घड़ी घर में ऊर्जा का संतुलन बनाती है। ऐसी घड़ी घर के बाहर बरामदे में या गैलरी में नहीं लगानी चाहिए। हर समय ध्वनि पैदा करने वाली घड़ी भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।
नोकदार क्रिस्टल : यदि ड्रांइगरूम में टेबल पर मध्य में नोकदार क्रिस्टल रखा जाए तो व्यक्ति का जीवन काफी व्यवस्थित होगा। अगर ऐसे क्रिस्टल का उपयोग पेपरवेट के रूप में किया जाए तो कार्यक्षेत्र में अप्रत्याशित सफलता मिलती है।

कैरियर को ऊंचाई देता है क्रिस्टल ग्लोब : फेंगशुई की सहायता से आप जीवन की हर समस्या का समाधान आसानी से कर सकते हैं। यदि आप अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं तो भी फेंगशुई आपकी सहायता कर सकता है। फेंगशुई के अनुसार जो लोग अपने व्यापार या कैरियर के प्रति चिंतित हैं तो उन्हें अपने कमरे, दुकान या ऑफिस में क्रिस्टल ग्लोब रखना चाहिए। इस ग्लोब से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जो आपके व्यक्तित्व में नई ऊर्जा का संचार करती है और आप अपने कैरियर में उन्नति करते हैं। विद्यार्थियों के लिए क्रिस्टल ग्लोब काफी लाभदायक होता है। इससे उनकी स्मरण शक्ति तथा एकाग्रता बढ़ती है।

कैसे करें उपयोग क्रिस्टल ग्लोब को : प्रयोग में लाने से पहले 24 घंटे के लिए स्टैंड से खोलकर नमक के घोल में रख देना चाहिए, फिर साफ पानी से धोकर कांच के बर्तन में रखकर सुबह की धूप में दो-तीन घंटे सुखाना चाहिए। ऐसा करने से क्रिस्टल ग्लोब और प्रभावशाली हो जाता है। इस ग्लोब को दिन में तीन बार घुमाना चाहिए जिससे इसमें से निकलने वाली यांग ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाए।

जब खरीदने जाएं नया फ्लैट तो : कुछ वास्तु दोष ऐसे होते हैं जो वास्तु का ज्ञान ना होने पर दिखाई दे जाते हैं। जैसे गलत स्थान पर रसोई, टैंक, जल की निकासी, पूजाघर, शयनकक्ष बच्चों का कमरा यदि गलत जगह बना हो तो उस घर में रहने वालों को मानसिक अशांति का सामना करना पड़ता है।
इसलिए अगर आप कोई नया घर या फ्लैट खरीदने जा रहे हैं तो नीचे लिखी बातों का जरुर ध्यान रखें ताकि नये घर में भी आपका जीवन खुशियों से भरा रहे।

* रसोईघर कभी घर के मुख्य दरवाजे के सामने ना हो।
* शौचालय का स्थान उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए।
* रसोई, पूजा स्थल और शौचालय एक-दूसरे के अगल-बगल में ना हो।
* ईशान कोण या उत्तर-पूर्व नीचा और दक्षिण-पश्चिम ऊंचा रहना चाहिए।
* उत्तर-पूर्व कोने में शौचालय या रसोई घर नहीं होना चाहिए।
* उत्तर-पूर्व में कोई बोरिंग भूमिगत पानी या टंकी या किसी प्रकार का गढ्ढा ना हो।

एक्वेरियम से पाएं धन, सपंदा व समृद्धि : फिश एक्वेरियम देखते ही मन खुश हो जाता है। इससे न केवल घर की सुंदरता बढ़ती है बल्कि फेंगशुई के अनुसार घर में सुख-समृद्धि भी आती है। घर में एक छोटे से एक्वेरियम (मछलीघर) में सुनहरी मछलियां पालना सौभाग्यवर्धक होता है। फेंगशुई में मछली सफलता व व्यवसाय का प्रतीक मानी जाती है। ध्यान रहे कि एक्वेरियम में आठ मछलियां सुनहरी और एक काले रंग की होनी चाहिए। अगर कोई सुनहरी मछली मर जाए तो माना जाता है कि घर पर आई कोई मुसीबत वह अपने साथ ले गई यानि सुनहरी मछली का मरना अपशकुन नहीं होता। एक्वेरियम को मुख्यद्वार के समीप नहीं रखना चाहिए। उत्तर-पूर्व क्षेत्र धनसंपदा तथा समृद्धिदायक क्षेत्र है। यह जलतत्त्व का प्रतीक है। इस क्षेत्र में एक्वेरियम रखना उत्तम व शुभ रहता है। यह समृद्धि, संपत्ति और सफलता देता है।

मिलेंगे करियर के क्षेत्र में नए अवसर : फेंगशुई के अनुसार ड्रेगन और फीनिक्स चीन की पौराणिक कथाओं के दो अत्यंत शक्तिशाली और महत्वपूर्ण प्रतीक है। फीनिक्स अपने आप में यांग का प्रतीक है लेकिन ड्रेगन की परिस्थिति में यिन हो जाता है। चीनी परंपरा के अनुसार यांग पुरुषत्व का प्रतीक माना गया है और यिन स्त्रीत्व का। यदि घर में ड्रेगन और फीनिक्स दोनो एक साथ हों तो वे सफल वैवाहिक जीवन, आर्थिक सम्पन्नता और कई संतानों के प्रतीक माने जाते है। ऐसा माना जाता है इससे सम्पति व सौभाग्य बढ़ता है। चीनी परंपरा के अनुसार ड्रेगन कुल पिता का प्रतीक है, जबकि फीनिक्स कुलमाता का। इसे दक्षिण- पश्चिम दिशा में रखने से कुल माता के सौभाग्य में अभिवृद्धि होती है। उत्तर पश्चिम दिशा में रखने पर कुलपिता के सौभाग्य वृद्धि होते है। ड्रेगन और फीनिक्स का यह प्रतिरूप पूर्व दिशा में रखने से परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होता है और दक्षिण दिशा में रखने से करियर के क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होते हैं। प्रतिष्ठा और मान सम्मान में वृद्धि होती है।

सही दिशा में लगाएं भगवान का चित्र : वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में छोटे-छोटे बदलाव करके आप अद्भुत मानसिक शांति अनुभव कर सकते हैं। घर में देवी-देवताओं का चित्र तो सभी लगाते है। देवताओं की सही दिशा में सही चित्र लगाकर कोई भी अपना जीवन सुख-समृद्धि से पूर्ण बना सकता हैं तो आइये जानते है वास्तु के अनुसार घर में कौन से भगवान का चित्र घर की किस दिशा में लगाने से शुभ फल मिलता है।
* राधाकृष्ण जी का चित्र बेडरूम में लगाना शुभ है।
* रामायण, महाभारत के युद्ध के दृश्य वाले चित्र नहीं लगाने चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इन चित्रों से घर के सदस्यों को मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है और इनका आपस में तालमेल नहीं रहता।
* हनुमानजी का चित्र हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखती हुई लगाएं।
* स्वस्तिक, कमल के फुल, गुलदस्ते के चित्र को व खिलौने घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है।
* भगवान शंकर, कुबेरदेव, गंधर्वदेव का चित्र उत्तर दिशा में लगाएं।
* महालक्ष्मी, मां दुर्गा, मां सरस्वती के चित्र लगाने के लिए उत्तर दिशा सर्वोत्तम है।
* महालक्ष्मी की बैठे स्वरूप वाली चित्र शुभ रहती है।
* मां दुर्गा के चित्र में शेर का मुंह खुला नहीं होना चाहिए।

सही दिशा में रखें धन तो होगी तेजी से वृद्धि : उत्तर दिशा को वास्तु शास्त्र के अनुसार धन के देवता कुबेर का स्थान माना जाता है। उत्तर दिशा का प्रभाव गृहस्वामी के धन की सुरक्षा और समृद्धि देने वाला माना जाता है। मतलब वास्तु शास्त्र के अनुसार गृहस्वामी को अपने नकद धन को उत्तर दिशा में रखना चाहिए। नकद धन के लिए अलग से कमरा बनाना आज के जमाने में तो संभव नहीं है। यह तो सिर्फ पुराने जमाने में राजे रजवाड़ो के लिए संभव था। इसलिए गृहस्थ को अपना धन उत्तर दिशा के बेडरुम में रखना चाहिये। नकद, गहनों एवं अन्य किमती चीजों को उत्तर दिशा में किसी स्थान पर रखना बहुत शुभ फल देने वाला होता हैं लेकिन उत्तर दिशा के पूजा स्थान के आसपास मे इसका स्थान उत्तम होता है। धन को इस स्थान पर रखने से धन में तेजी से वृद्धि होने लगती है। इसमें एक अलग मत और भी है कुछ वास्तु शास्त्रीयों के अनुसार नकद धन को उत्तर में रखना चाहिए और रत्न, आभुषण आदि दक्षिण में रखना चाहिये। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि नकद धन आदि हल्के होते है इसलिए इन्हे उत्तर दिशा में रखना वृद्धिदायक माना जाता है। रत्न आभुषण में वजन होता है इसलिए उन्हे कहीं भी नहीं रखा जा सकता है। इसके लिए तिजोरी या अलमारी की आवश्कता होती है और ये काफी भारी होती है। इसलिए दक्षिण दिशा में रख उसमें आभुषण आदि रखने को उतम माना जाता है।

इस वास्तु दोष का ध्यान नहीं रखा तो होगा आर्थिक नुकसान : बढ़ती हुई आबादी और कम पड़ती हुई जमीन के कारण आजकल चौक वाले मकान बनना बंद हो गए हैं। पुराने जमाने में बड़े-बूढ़े कहा करते थे, कि जिस मकान में चौक नहीं होते थे उन्हें शुभ फलदायक नहीं माना जाता था। आज कल महानगरों में इतनी जमीन ही नहीं मिल पाती है ऐसे में यह कोशिश करनी चाहिये की घर में ब्रम्ह स्थान खाली रहे। भवन के अन्दर के मध्य भाग को ब्रम्हास्थान कहा गया है जिसका बड़ा महत्व हैं। पुराने जमाने में जितने भी घर बनते थे उन सब में ब्रम्हस्थान खुला छोड़ा जाता था। जिसे चौक कहा जाता था। पहले के निर्माण में कोई स्तंभ या कोई साजो सामान नहीं रखा जाता था। वास्तु के अनुसार घर के ब्रम्ह स्थान हमेशा खाली छोडऩा चाहिये। यह स्थान एकदम खाली पिल्लर रहित होना चाहिये। इस स्थल पर किसी भी तरह का निर्माण करवाना घर में रहने वालों के लिए बहुत अशुभ माना गया है। इस जगह को खाली ना छोडऩे पर गृहस्वामी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यदि इस जगह को मकान बनाते समय खाली ना छोड़ पाएं तो इस बात का ध्यान रखें की घर में उस जगह पर अधिक वजनदार सामान ना रखे। इसका वैज्ञानिक औचित्य भी है। ब्रम्हस्थान के खुला रहने पर सूर्य के प्रकाश की किरणे सीधे घर में पड़ती है। वायुमंडल की पूरी उर्जा इस स्थान से होकर पूरे घर में फैलती है। जिससे घर में सुख व समृद्धि आती है।

अगर चाहते हैं खुशहाल वैवाहिक जीवन : क्या आपके लाइफ पार्टनर से आपकी नहीं बनती है? बात-बात पर दोनों का झगड़ा होता है। कहीं इसका कारण आपके बेडरुम का वास्तु तो नहीं क्योंकि अक्सर घरों में कुछ ऐसे छोटे- छोटे वास्तुदोष होते है जो घर में अशांति और झगड़ो का कारण बनते है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखे इन वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल बना सकते है।
* बेडरुम में कभी भी टूटे हुए शीशे को नहीं रखें यह पति-पत्नी के लिए अशुभ है।
* कभी भी शीशे को बिस्तर के सामने न रखे इससे आपके विवाहित जीवन में किसी तीसरे व्यक्ति के आने की संभावना होती है। यदि शीशा रखने की कोई जगह नहीं है तो सोने से पहले उसे ढक दे।
* बेडरुम के दरवाजे को खोलते या बंद करते समय किसी तरह की कोई आवाज नहीं होनी चाहिए। यदि बेडरुम का दरवाजा आवाज करता है तो पति-पत्नी में हमेशा छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होता है।
* घर के उत्तर-पूर्व दिशा में बेडरुम नहीं होना चाहिये। इस दिशा में बेडरुम होने पर वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता है।
* खराब एयर कंडीशनर या पंखा जिसके चलने पर आवाज हो उसे तुरंत ठीक करवा लें। इसके कारण वर वधु के सम्बंधों में परेशानी पैदा हो सकती है।

ऐसे पेड़ घर के निकट अशुभ होते है : यदि घर का वास्तु एकदम सही हो तो उस घर में कभी कोई कमी नहीं आती है। जीवन सुख शांति से भरा रहता है। घर के आंगन में और घर के नजदीक लगे वृक्षों का वास्तु अनुसार भी घर पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है।
* घर के नजदीक बैर, बबुल के वृक्ष लगाने से घर में कलह बना रहता है।
* आधा जला हुआ, आधा सूखा, ठूंठ की तरह वृक्ष, तीन शिरों या अनेक सिरों वाला वृक्ष अशुभ होता है।
* इमली व मेंहदी पर बुरी आत्माओं का वास माना जाता है। घर के लान में या नजदीक ये पेड़ शुभ नहीं माने जाते है।
* पूर्व और ईशान में ऊंचे पेड़ नहीं होना चाहिये, क्योंकि ऊंचे वृक्षों घर के नजदीक या घर के आंगन में होना शुभ नहीं माना जाता है।
* ताड़ का वृक्ष, आंवला, कपास , रेशमी कपास भी अशुभ माना जाता है।
* अगर अशुभ पेड़ को काटना नहीं चाहते है तो उसके पास घर में नागकेसर, अशोक, नीम, नारियल, चन्दन, तुलसी, हल्दी, रात की रानी अन्य फुल वाले पौधे लगाना चाहिये।

ऐसा पूजा घर देता है सुख-शांति से भरपूर जीवन : कहते हैं यदि मकान वास्तु के अनुसार बना हो तो घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।
घर में पूजास्थल एक ऐसी जगह होती है जहां व्यक्ति पूजा-पाठ आदि के माध्यम से शांति प्राप्त करता है।
यदि पूजा घर वास्तु के अनुसार ना हो तो उस घर में कभी शांति नहीं मिलती है। वहां की गई पूजा का सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहे, तो इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें।
* पूजा घर के नजदीक और ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व में झाड़ू, कुड़ेदान, पोंछा आदि ना रखें। संभव हो तो पूजा घर को साफ करने के झाड़ू-पोछा अलग रखें। इससे घर में बरकत होती है।
* शयन कक्ष में पूजा घर अशुभ होता है। साथ ही किसी विवाहित जोड़े के कक्ष में पूजा घर होना ही नहीं चाहिए। घर में जगह का अभाव हो तो पूजा घर पर पूजा के समय के अतिरिक्त पर्दा डालकर रखें।
* पूजा घर में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, इंद्र और कार्तिकेय का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिये।
* पूजा घर की दीवारों तथा फर्श का रंग सफेद या हल्के पीले रंग का होना चाहिए।
* पूजा घर को हमेशा शुद्ध, साफ एवं पवित्र बनाए रखें। इसमें कोई भी अशुद्ध या अपवित्र वस्तु ना रखें। घर के उत्तर-पूर्व के कोने को हमेशा साफ रखें।

* पूजा घर के नीचे अलमारी बनाकर किसी मुकदमे के कागजात रखने से मुकदमे में विजय होने की संभावना बढ़ जाती है। पूजा में इन बातों का ध्यान रखें और पाएं वास्तुदोष से मुक्ति। वास्तुदोषों का निवारण वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार मकान में तोडफ़ोड़ करवाकर किया जा सकता है, लेकिन ऐसा सभी के लिए संभव नहीं होता है। ऐसे में क्या आप जिन्दगी भर छोटे-छोटे वास्तुदोषों के कारण परेशान होते रहेंगे? आप सोच रहे होंगे कि इसका और क्या उपाय हो सकता है। उपाय है, यदि आप अपने पूजा के नियम में थोड़ा बदलाव कर लें तो आपको अनेक तरह के वास्तुदोषों से मुक्ति मिल सकती है।
* घर में सुबह-शाम पूजा करते समय तीन बार शंख बजाएं। इससे घर से नकारात्मक उर्जा बाहर चली जाती है।
* रोज घर के पूजास्थल पर घी का दीपक जलाएं।
* अपने घर उत्तर- पूर्व के कोने मे या घर का मध्य भाग जिसे ब्रम्ह स्थान भी कहते है वहां स्फटिक श्रीयंत्र की स्थापना शुभ मुहूर्त में करें।
* सुबह के समय कंडे पर थोड़ी गुग्गल डालकर रखें और ॐ नारायणाय नम: इस मंत्र का जप करें।
* अब गुग्गल से जो धुआं निकले उसे घर के हर कमरे में जाने दे। इससे घर की नकारात्मक उर्जा खत्म होगी और वास्तुदोषों का नाश होगा।
* शाम के समय घर में सामुहिक रूप से सभी परिवार के सदस्य आरती करें।
* सुबह के समय थोड़ी देर तक रोज गायत्री मंत्र या अन्य किसी मंत्र की धुन घर में चलने दें।

मूर्ति दूर करेगी वास्तुदोष : वास्तु का शमन करने के लिए आदि काल से ही गणेश जी की वंदना की जाती रही है। गणेश जी को बुध ग्रह से संबंधित माना जाता है। गणेश जी की पूजा-अर्चना के बिना वास्तु देव की संतुष्टी संभव नहीं है। अगर आपके मकान में वास्तु दोष है, तो उसकी शांति के या निवारण के लिए नीचे लिखे उपाय को अपनाए।
* मकान के मुख्य द्वार पर एकदंत गणेश की प्रतिमा लगाकर उसके ठीक दूसरी ओर उसी स्थान पर दूसरी गणेश जी की मूर्ति इस प्रकार लगाएं कि दोनों प्रतिमाओं की पीठ आपस में मिल रहे।
* वास्तुदोष से प्रभावित मकान के किसी भाग में मिश्रित सिंदूर से दीवार पर स्वस्तिक बनाने से वास्तु दोष दूर होता है।
* सुख-शांति समृद्धि के लिए घर में सफेद रंग के विनायक की प्रतिमा लगाएं।
* मकान में बैठे गजानन और ऑफिस में खड़े गजानन का चित्र लगाएं। वास्तुदोष दूर करने के लिए गणेश जी की बाईं हाथ की ओर सूंड मुड़ी हुई हो तो कल्याणकारी और वास्तुदोष को दूर करने वाली है।
* मकान के ब्रम्ह स्थल मे दिशा व ईशान में विघ्रहर्ता विनायक की प्रतिमा लगाएं। इससे अनेक वास्तुदोष का निवारण स्वत: हो जाएगा।
* गणेश जी की प्रतिमा के सूंड में मोदक का होना शुभ है लेकिन ध्यान रहे प्रतिमा नैऋत्य या दक्षिण दिशा में ना लगाएं।

ऐसा होगा किचन तो मिलेगी समृद्धि : वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में छोटे-छोटे बदलाव करके भी आप अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। रसोई घर यानी किचन हमारे घर का सबसे महत्वपुर्ण कमरा होता है। आप अपने किचन में सिर्फ सामानों की जगह बदलकर अपने जीवन में सुख व समृद्धि ला सकते हैं।
* रसोई घर को आठ दिशाओं और उपदिशाओं में विभाजित करें।
* उत्तर पूर्व व उत्तर दिशा के अतिरिक्त किसी अन्य कोण या दिशा में चूल्हा रखने से कोई हानि नहीं होती।
* रसोई घर में भारी बर्तन आदि दक्षिणी दीवार की ओर रखें।
* रसोई घर में पीने का पानी उत्तर-पूर्वी कोने या उत्तर दिशा में रखें।
* खाना बनाते समय गृहिणी या खाना बनाने वाले का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। यह घर के लोगों के स्वास्थय के लिए आवश्यक हैं।
* खाली या अतिरिक्त गैस सिलेन्डर को रसोईघर के नैऋत्य कोण में रखें।
* माइक्रोवेव, ओवन, मिक्सर ग्राइंडर आदि दक्षिणी दिशा के निकट रखें।
* रसोई घर में रेफ्रिजरेटर भी रखा जाना है तो इसके लिए दक्षिण, पश्चिम या उत्तर दिशा सही है।

दर्पण लगाएं और करे वास्तुदोष को दूर : दुकान हो या घर के प्रवेश द्वार के सामने कोई धारदार किनारा, वृक्ष, खम्बा या ऊंचा भवन आदि नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा हो तो सभी के लिए तोड़-फोड़ करके वास्तुदोष दूर करना संभव नहीं होता।
इन सभी दोषों को दूर करने का सबसे सरल उपाय है सही दिशा में सही जगह आईना लगाना तो आइये जानते हैं कि कैसे आप दर्पण से पा सकते हैं वास्तुदोष से मुक्ति।
* यदि घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में है तो घर पर पडऩे वाली बुरी छाया को रोकने के लिए शीशे का उपयोग करें।
* घर का दरवाजा लिफ्ट के सामने होना बुरा माना जाता है। यह घर में रहने वाले की धन सम्पति और सुख शांति के लिए हानिकारक होता है। इससे बचने के लिए आप मुख्य द्वार के ऊपर दर्पण लगाएं और मुख्यद्वार के नीचे फर्श को पांच सेमी. ऊंचा रखें जिसे लांघकर घर में प्रवेश करें।
* घर के सामने ऊंची इमारत हो तो घर में रहने वालों के साथ धोखा हो सकता है। इसलिए अपने आप को बचाने के लिए कभी उधार न देने का नियम बनाएं और मुख्यद्वार के ऊपर उत्तल दर्पण को लटका दें।
* आपके घर के मुख्य द्वार के सामने व्यस्त यातायात वाला मार्ग हो तो घर में धन ठहर नहीं पाता और रहने वालों को धन जोडने में परेशानी होती है तो मुख्य द्वार की दिशा बदलकर उसे दूसरी दिशा में बना दें, जिससे मुख्य द्वार व्यस्त द्वार के सामने न हो अगर यह न हो सके तो मुख्य द्वार के बाहर की तरफ शीशा लगाएं।

* मकान के सामने अधिक खुली जगह होने पर वहां रहने वालों का स्वास्थ्य कमजोर और सुस्त रहता है। ऐसी स्थिति में मुख्य द्वार पर उत्तल दर्पण लगाएं जिससे की खुली जगह का प्रतिबिंब दिखाई दें और मुख्य द्वार के नीचे फर्श को दो इंच ऊंचा रखें जिसे आप लांघ कर घर में प्रवेश कर सकें।
* घर के पीछे सड़क रहने पर घर में रहने वालों के बारे में लोग पीठ पीछे बुराई करेंगे। ऐसी अवस्था में घर की पीठ वाली दीवार पर शीशा लटकाएं जिससे पीछे वाली सड़क का प्रतिबिम्ब दिखाई दें।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योतिर्विद् वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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