मंगल चंडिका स्त्रोत का पाठ करने से होती है विवाह बाधा दूर

वाराणसी। स्वयं भगवान् शिव ने इस स्त्रोत की महिमा का बखान किया है। जिन लोगो की कुंडली में मंगली दोष है उन लोगो के विवाह एवं कार्य में बाधाए मंगल ग्रह के कारण बनती हो तो यह स्त्रोत उनको चमत्कारिक लाभ प्रदान करता है। प्रायः मंगल दोष के कारण पुरुष एवं स्त्री दोनों के विवाह में भी बाधा बनी रहती है। उनके लिये यह स्त्रोत अत्यंत लाभदायी है।

मंत्र और स्त्रोत्र प्रयोग :
यह प्रयोग मंगली लोगो को मंगल की वजह से उनके विवाह, काम-धंधे में आ रही रूकावटो को दूर कर देता है।
ॐ ह्रीं श्रीं कलीम सर्व पुज्ये देवी मंगल चण्डिके ऐं क्रू फट् स्वाहा
(देवी भगवत के अनुसार अन्य मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं कलीम सर्व पुज्ये देवी मंगल चण्डिके हूँ हूँ फट् स्वाहा)
(दोनों में से कोई भी मन्त्र जप सकते है।)

ध्यान : देवी षोडश वर्षीया शास्वत्सुस्थिर योवनाम। सर्वरूप गुणाढ्यं च कोमलांगी मनोहराम।
स्वेत चम्पक वऱॅणाभाम चन्द्र कोटि सम्प्रभाम। वन्हिशुद्धाशुका धानां रत्न भूषण भूषिताम।
बिभ्रतीं कवरीभारं मल्लिका माल्य भूषितं। बिम्बोष्ठिं सुदतीं शुद्धां शरत पद्म निभाननाम।
ईशदहास्य प्रसन्नास्यां सुनिलोत्पल लोचनाम। जगद धात्रीं च दात्रीं च सर्वेभ्य सम्पत्प्रदाम।
संसार सागरेघोरे पोत रूपां वरां भजे।

स्त्रोत्र :
।।शंकर उवाच।।
रक्ष रक्ष जगन मातर देवी मंगल चण्डिके। हारिके विपदां राशे: हर्ष मंगल कारिके।
हर्ष मंगल दक्षे च हर्ष मंगल चण्डिके। शुभ मंगल दक्षे च शुभ मंगल चण्डिके।
मंगले मंगलार्हे च सर्व मंगल मंगले। सतां मंगलदे देवी सर्वेषां मंग्लालये।
पूज्या मंगलवारे च मंगलाभीष्ट दैवते। पूज्य मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम।
मंगलाधिष्ठात्रिदेवी मंगलानां च मंगले। संसार मंगलाधारे मोक्ष मंगलदायिनी।
सारे च मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम। प्रति मंगलवारे च पूज्य च मंगलप्रदे।
स्त्रोत्रेणानेन शम्भुश्च स्तुत्वा मंगल चंडीकाम। प्रति मंगलवारे च पूजां कृत्वा गत: शिव:।
देव्याश्च मंगल स्त्रोत्रम यं श्रुणोति समाहित:। तन्मंगलं भवेत्श्चान्न भवेत् तद मंगलं।

विधि विधान : मंगलवार को संध्या समय पर स्नान करके पवित्र होकर एक पंचमुखी दीपक जलाकर माँ मंगल चंडिका की पूजा श्रद्धा भक्तिपूर्वक करे। माँ को एक नारियल और खीर का भोग लगाये। उपरोक्त दोनों में से किसी एक मंत्र का मन ही मन १०८ बार जप करे तथा स्त्रोत्र का ११ बार उच्च स्वर से श्रद्धा पूर्वक प्रेम सहित पाठ करे। ऐसा आठ मंगलवार को करे। आठवें मंगलवार को किसी भी सुहागिन स्त्री को लाल ब्लाउज, लाल रिब्बन, लाल चूड़ी, कुमकुम, लाल सिंदूर, पान-सुपारी, हल्दी, स्वादिष्ट फल, फूल आदि देकर संतुष्ट करे। अगर कुंवारी कन्या या पुरुष इस प्रयोग को कर रहे है तो वो अंजुली भर कर चने भी सुहागिन स्त्री को दे, ऐसा करने से उनका मंगल दोष शांत हो जायेगा। इस प्रयोग में व्रत रहने की आवश्यकता नहीं है अगर आप शाम को न कर सके तो सुबह कर सकते है। यह अनुभूत प्रयोग है और आठ सप्ताह में ही चमत्कारिक रूप से शादी-विवाह की समस्या, धन की समस्या, व्यापार की समस्या, गृह-कलेश, विद्या प्राप्ति आदि में चमत्कारिक रूप से लाभ होता है।

ज्योतिर्विद् वास्तु दैवग्य
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

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