राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की महिला इकाई की बैठक में अनेक निर्णय हुए

निप्र, उज्जैन : देश की जानी मानी संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की राष्ट्रीय महिला इकाई की बैठक का आयोजन किया गया आभासी संगोष्ठी के रूप में। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना डॉ. सुरेखा मंत्री ने गाकर की। स्वागत भाषण महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने एवं प्रस्तावना डॉ. रश्मि चौबे गाजियाबाद ने प्रस्तुत की।

महिलाओं को सभी कार्य समयानुसार करना है। आगामी तीन माह में सदस्यों को शुल्क ऑनलाइन जमा करना एवं हिंदी सेवियो का समागम अवसर पर उपस्थित होकर अपने दायित्व को पूरा करे। उक्त विचार राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शिवा लोहारिया ने व्यक्त किए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सुवर्णा जाधव मुंबई ने कहा कि युवा महिलाओं में बहुत सारी कल्पनाशीलता होती है उसका उपयोग करके हमें कार्यक्रम में विविधता लानी चाहिए। डॉ. सुनीता मंडल ने कहा कि मातृशक्ति बहुत ही प्रतिभावान होती है नेट का उपयोग कैसे करे इस विषय पर भी गोष्ठी होनी चाहिए। डॉ. सुरेखा मंत्री ने कहा कि शिविर लगाए जाने चाहिए और उसके तहत संस्कार दिए जाने चाहिए। बेटी को ब्याहो, बहू को पढ़ाओ। महिला सशक्तिकरण की बात करते हुए सचिव प्रगति बैरागी उज्जैन ने कहा कि सेवानिवृत्त महिलाओं के द्वारा कार्यक्रम होते रहने चाहिए।

डॉ. ममता झा ने कहा कि अंधविश्वास को रोकने के लिए भी हमें कार्य करना चाहिए। डॉ. रजिया शेहनाज ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं से जुड़कर उनके बारे में हमें जानना चाहिए और हमारे हर कार्यक्रम में एक नई महिला को लाना चाहिए। किरण वाला ने कहा कि जब हम किसी महिला को पद प्रदान करते है तो उसे उसके दायित्व भी बता दे देनी चाहिए।

सविता इंगले ने कहा कि महिलाओं को महिलाओं के अधिकारों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए और आयोजन के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। डॉ. चेतना उपाध्याय ने कहा कि शिक्षित वर्ग को जिम्मेदार ठहराया जाता है। वृद्ध आश्रम और अनाथ आश्रम के बारे में बात की। मुम्बई की प्रभा शर्मा ने बताया की महिलाओं को आत्मविश्वासी बनाना चाहिए।

महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने आगामी कार्यक्रमों के बारे में बताया जिसमें शिक्षक दिवस पर शिक्षक सम्मान एवं शरद पूर्णिमा को महिला साहित्यकार सम्मेलन तथा प्रदेश इकाई कार्यक्रम की चर्चा की। कार्यक्रम में आभार व्यक्त महिला इकाई महासचिव डॉ. रश्मि चौबे गाजियाबाद ने किया। कार्यक्रम का संचालन पूर्णिमा कौशिक छत्तीसगढ़ ने किया।

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