महाराष्ट्र की संयुक्ता ने लयबद्ध जिम्नास्टिक्स में जीते सभी पांच स्वर्ण

अम्बाला। महाराष्ट्र की संयुक्ता काले ने चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में तहलका मचाते हुए मंगलवार को लयबद्ध जिम्नास्टिक्स में सभी पांच स्वर्ण पदकों पर कब्जा कर लिया जबकि अंडमान की सेलेस्टिना ने अपने रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए तीसरा स्वर्ण जीता। संयुक्ता की क्लीन स्वीप की बदौलत महाराष्ट्र (24 स्वर्ण, 22 रजत, 17 कांस्य ) हरियाणा (23 स्वर्ण , 20 रजत , 29 कांस्य ) को दूसरे स्थान पर छोड़कर पदक तालिका में फिर से शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। हरियाणा के लड़कों को आज कबड्डी और वॉलीबाल के फ़ाइनल में अपने प्रशंसकों की उम्मीदों के विपरीत हार का सामना करना पड़ा।

16 वर्षीय संयुक्ता ने अपनी क्लीन स्वीप के बाद कहा, ‘मैं जानती थी कि मुझे स्पोर्ट्स में जाना है लेकिन मुझे पता नहीं था कि किस खेल में। मैंने टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट सहित कई लोकप्रिय खेलों में हाथ आजमाए लेकिन मेरी तलाश लयबद्ध जिम्नास्टिक्स पर आकर ख़त्म हुई और उसके बाद मैं किसी और खेल के बारे में नहीं सोच सकी। ‘ संयुक्ता का अब सपना भारतीय टीम में जगह बनाना और 2024 के पेरिस ओलम्पिक में पदक जीतना है। उन्होंने कहा,’ पहले राष्ट्रमंडल खेल, फिर एशियाई चैंपियनशिप, विश्व चैंपियनशिप और अंत में पेरिस ओलंपिक्स।’

इस बीच अंडमान की सेलेस्टिना ने अपने रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए जीता तीसरा स्वर्ण: अंडमान निकोबार द्वीप समूह की सेलेस्टिना चेलोब्रोय ने यूथ गेम्स में अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए नयी दिल्ली के आईजी वेलोड्रोम में साइक्लिंग में अपना तीसरा स्वर्ण पदक जीत लिया। साइक्लिंग के सितारों के गढ़ अंडमान-निकोबार से आने वाली 19 वर्षीय सेलेस्टिना ने सोमवार को अपने पहले दो स्वर्ण पदक, टीम स्प्रिंट (टीना माया के साथ) और व्यक्तिगत स्प्रिंट 200 मीटर स्पर्धाओं में जीते थे।

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उन्होंने इवेंट के दूसरे दिन अपने ही 2020 खेलो इंडिया गेम्स के रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए केरिन 1500 मीटर में स्वर्ण पदक जीता। सेलेस्टिना का प्रदर्शन और भी अधिक सराहनीय है क्योंकि कंधे की चोट के कारण उन्हें साइकिल चलाने से ब्रेक लेना पड़ा था और इस साल के खेलो इंडिया गेम्स में उनके हिस्सा लेने पर सवाल बने हुए थे। उन्होंने कहा, “मैं जयपुर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में लगी चोट से उबर चुकी हूं। प्रतियोगिता में आने से पहले मेरे अंदर थोड़ी झिझक थी, लेकिन एक बार जब मैं वहां पहुंची, तो मुझे अच्छा लगा और मुझे खुशी है कि मैं वहां पहुंची।”

पिछले साल हैदराबाद में आयोजित नेशनल चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देते हुए पांच पदक जीतने वाली सेलेस्टीना ने कहा, “खेलो इंडिया यूथ गेम्स युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़े मंचों में से एक है। मैंने गुवाहाटी में जो पदक जीते थे, उन्होंने मेरा काफ़ी आत्मविश्वास बढ़ाया था।” उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिता, बेडफोर्ड के कहने पर साइकिल चलाने की शुरुआत की थी।

जब आप कई साइकिल चालकों के साथ प्रशिक्षण लेते हैं तो यह एक अच्छा एहसास होता है। एक बच्चे के रूप में, मुझे चुनौतियां पसंद थीं और इससे मुझे अपनी पहचान बनाने में मदद मिली।” सेलेस्टीना को फिलहाल राष्ट्रीय अकादमी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।साइक्लिंग ने केवल 2020 में खेलो इंडिया गेम्स में अपनी शुरुआत की, सेलेस्टिना अगस्त 2018 से खेलो इंडिया स्कॉलर रही हैं और राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय खेल प्राधिकरण के विश्व स्तरीय वेलोड्रोम में प्रशिक्षण ले रही हैं।

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