डीपी सिंह की कुण्डलिया

कुण्डलिया
1 जनवरी – कैसा नया साल?

मध्य दिसम्बर से शुरू, होय मास “खरमास”
रहैं मकर-संक्रान्ति तक, ग्रह-नक्षत्र उदास

ग्रह-नक्षत्र उदास, न होवै कोई पूजा
नहीं व्याह की बात, न ही शुभ कारज दूजा

कैसा यह नव-वर्ष, ठरै जब धरती-अम्बर
सो जा गुदड़ी तान, कि आया मध्य दिसम्बर

डीपी सिंह

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