कहानी गोई और मुशायरा व कवि-सम्मेलन ने साहित्य रसिकों का दिल जीता

कोलकाता। अंतरराष्ट्रीय उर्दू पत्रिका माहनामा ‘इंशा’ की ओर से कृष्ण चंदर की याद में कहानी गोई और साहिर लुधियानवी की याद में कवि-सम्मेलन और मुशायरा का आयोजन अवनीन्द्र सभागार में किया गया। कार्यक्रम के पहले सत्र में फे सीन एजाज, शाहिरा मसरूर, शकील अफरोज और अज़रा मनाज ने अपनी कहानियों का पाठ किया। इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ़ टीचर्स ट्रेनिंग, एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन और डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ.सोमा बंद्योपाध्याय ने भी अपनी कहानी का पाठ किया।

उन्होंने पढ़ी गयी कहानियों के बारे में कहा कि यह कहानियां अपने कथ्य को इस सलीके से कहती हैं कि वे थोपे हुए नहीं लगते। वे हालात को बयां करते हुए हमारी संवेदना पर दस्तक देती हैं। प्रो.सोमा ने दूसरे सत्र में अपनी कविताएं भी पढ़ीं। इस सत्र का संचालन इबरार खान ने किया। कार्यक्रम का दूसरा सत्र कवि सम्मेलन और मुशायरा का था। इसकी अध्यक्षता डॉ.आसीम शाहनवाज शिबली ने की और अपनी ग़ज़लों और रुबाइयों का पाठ किया।

डॉ.अभिज्ञात, डॉ.गीता दूबे, डॉ. अहमद मेराज, शाहिद नूर और नगमा नूर, फे सीन एजाज़ ने अपनी ग़ज़लों और कविताओं से लोगों का दिल जीत लिया। इस सत्र का संचालन पापिया भट्टाचार्य ने किया। कार्यक्रम के संयोजक फे सीन एजाज़ ने कहा कि कृष्ण चंदर और साहिर लुधियानवी की याद में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रस्तुत की गयी रचनाओं ने यह आश्वस्त किया है कि इन दो महान रचनाकारों की विरासत से प्रेरणा लेकर रचनाएं की जा रही हैं।

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