कहा झूठ ने यही सच है ( व्यंग्य ) : डॉ लोक सेतिया

डॉ. लोक सेतिया, स्वतंत्र लेखक और चिंतक

देश आत्मनिर्भर है झूठ को लेकर अब आयात की ज़रूरत नहीं है कोई खरीदार विदेश में मिले तो बात बनेगी। स्वदेशी की बात मत करना उनका झूठ खालिस है अपना घोषित किया हुआ उन्होंने घोषित कर दिया है योग से कोरोना ने फायदा होता है। छोड़ो दवा वैक्सीन बनाने का सरदर्द चलो बाबाजी को ठेका देते हैं

जैसे असली सामान से नकली को खत्म किया और देश में एक भी मरीज़ किसी भी रोग का अब कहीं नहीं है उसी तरह करिश्मा कर कोरोना को भी योग से मार सकते हैं। उनके शासन में बहार ही बहार है इस से बढ़कर अच्छे दिन स्वर्ग में भी नहीं होते होंगे। विश्व भर में भारत का डंका बज रहा है आपको सुनाई नहीं देता तो अपने बहरेपन का ईलाज भी योग से करवाना। योग भोग बन चुका है

योग महरोग बन सकता है और उनकी चौकीदारी देश सेवा असली है पहले सभी की नकली थी ऐसा घोषित किया जा चुका है। दवा की अब कोई ज़रूरत नहीं है ज़हर से उपचार संभव है। उनकी नई अपनी गीता है रामायण है महाभारत भी है उनका संदेश कृष्ण की गीता से बेहतर है उनके आदर्श राम से ऊंचे हैं उनकी महाभारत धर्म अधर्म की आधुनिक व्याख्या पर आधारित है।

सच को क़त्ल किया जा चुका है झूठ सच के सिंघासन पर विराजमान है झूठ की महिमा का हर कोई गुणगान करता है ये कलयुग का कोरोना युग है इस में झूठ की आराधना करना बेहद ज़रूरी है। यही सच है झूठ का दावा है उसके मुकाबिल कोई नहीं है झूठ का निर्यात करने से देश मालामाल हो जाएगा कमाल धमाल हो जाएगा। जवाब कोई नहीं सवाल खुद बवाल हो जाएगा सवाल गलत है सवाल नहीं किया जा सकता है झूठ को झूठ स्वीकार करना मज़बूरी है।

1 thoughts on “कहा झूठ ने यही सच है ( व्यंग्य ) : डॉ लोक सेतिया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eight + 17 =