जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक में महत्वपूर्ण बड़े फैसले हुए

जीएसटी काउंसिल की 52 वीं बैठक में मिलेट्स, वकीलों व्यापारियों, गन्ना किसानों को तोहफ़ा
बदलती परिस्थितियों के अनुसार जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक में टैक्स दरों में बदलाव, व्यापार की सुविधा के उपायों पर सराहनींय फैसले हुए – एडवोकेट किशन भावनानीं गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर वैसे तो अनेक देशों में सभी टैक्सों को मिलाकर एक जीएसटी टैक्स करने का प्रचलन शुरू है इसलिए ही काफी जद्दोजहद के बाद विशेष सत्र बुलाकर जीएसटी कानून 2017 पारित किया था और एक जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया था, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में पूरे राज्यों के वित्त मंत्री, अधिकारी केंद्र शासित प्रदेश के प्रभारी सदस्य होंगे और बदलती परिस्थितियों के अनुसार जीएसटी कानून को सुगम बनाने के लिए प्रतिमाह बैठक कर आवश्यक सुधार परिवर्तन अपडेट मिलकर किए जाते रहेंगे। इसी कड़ी में शनिवार दिनांक 7 अक्टूबर 2023 को 52वीं बैठक आयोजित की गई जिसमें हुए फैसलों की जानकारी देर शाम की केंद्रीय वित्त मंत्री ने दी।

जिसमें गन्ना किसानों को राहत देने के लिए गुड़ पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत, मोटे अनाज के आटे जिसमें 70 प्रतिशत मोटा अनाज होने पर जीरो जीएसटी, अल्कोहल युक्त शराब में इस्तेमाल ईएनए को जीएसटी दायरे से बाहर याने जीरो जीएसटी, अपीलेट ट्रिब्युनल्स में वकीलों की भी नियुक्ति, अपीलेट ट्रिब्युनल्स के अध्यक्ष और सदस्यों की उम्र बढ़ाने, जो करदाता अपील दायर करने से चूके हैं, उनकी अवधि 31 जनवरी 2024 तक बढ़ाना सहित कॉर्पोरेट गारंटी, जीएसटी फॉर्म संबंधी सुविधा उपायों पर निर्णय दिए गए हैं, जो सराहनीय है। चूंकि जीएसटी काउंसिल की 52 वीं बैठक में महत्वपूर्ण बड़े फैसले लिए गए हैं, इसलिए आज हम पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे। बदलती परिस्थितियों के अनुसार जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक में टैक्स दरों में बदलाव, व्यापार की सुविधा के उपायों पर फैसला सराहनीय है।

साथियों बात अगर हम वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में संबंधित सिफारिश की करें तो, (अ) (1) एचएस 1901 के तहत आने वाले पाउडर के रूप में मोटे अनाजों के आटे की खाद्य तैयारी, जिसमें वजन के अनुसार कम से कम 70 प्रतिशत मोटे अनाज शामिल हो, पर जीएसटी दरें निम्नलिखित तरीके से निर्धारित की गई हैं, जो अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होंगी : 0 प्रतिशत – यदि पूर्व-पैक और लेबल किए गए फॉर्म के अलावा किसी अन्य रूप में बेचा जाता है, 5 प्रतिशत – यदि पूर्व-पैक और लेबल किए गए रूप में बेचा जाता है।

(2) यह स्पष्ट किया जाता है कि एचएस 5605 के अंतर्गत आने वाले धातुकृत पॉलिएस्टर फिल्म/प्लास्टिक फिल्म से बने नकली ज़री धागे या धागे, 5 प्रतिशत जीएसटी दर को आकर्षित करने वाले नकल वाले ज़री धागे या धागे की प्रविष्टि के अंतर्गत आते हैं। हालांकि, विपरीत होने की स्थिति में पॉलिएस्टर फिल्म (धातुकृत)/प्लास्टिक फिल्म पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा।

(3) यदि विदेश जाने वाले जहाज तटीय मार्ग पर परिवर्तित होते हैं तो उन्हें जहाज के मूल्य पर 5 प्रतिशत आईजीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। जीएसटी परिषद ने विदेशी ध्वज वाले विदेशी जहाज को तटीय मार्ग में परिवर्तित होने पर सशर्त आईजीएसटी छूट की सिफारिश की है, यदि यह छह महीने में विदेश जाने वाले जहाज में परिवर्तित हो जाता है।II. वस्तुओं से संबंधित अन्य बदलाव (1) जीएसटी परिषद ने मानवउपभोग के लिए अल्कोहल शराब के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी से बाहर रखने की सिफारिश की है।मानव उपभोग के लिए अल्कोहल शराब के निर्माण में उपयोग हेतु ईएनए को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के लिए विधि आयोग कानून में उपयुक्त संशोधन की जांच करेगा।

(2) गुड़ पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत। इस कदम से मिलों के पास नकदी बढ़ेगी और गन्ना किसानों को गन्ना बकाया का तेजी से भुगतान हो सकेगा। इससे पशु आहार के निर्माण की लागत में भी कमी आएगी, क्योंकि इसके निर्माण में गुड़ भी एक सामग्री होती है।

(3) औद्योगिक उपयोग के लिए संशोधित स्पिरिट को कवर करने के क्रम में सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम में 8 अंकों के स्तर पर एक अलग टैरिफ एचएस कोड बनाया गया है। 18 प्रतिशत जीएसटी को आकर्षित करने वाले औद्योगिक उपयोग के लिए ईएनए से जुड़ी एक प्रविष्टि बनाने के लिए जीएसटी दर अधिसूचना में संशोधन किया जाएगा।

साथियों बात अगर हम कानून और प्रक्रियाओं से संबंधित सिफारिश की करें तो, (ब) प्रस्तावित जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के संबंध में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों को न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के अनुरूप करना: परिषद ने सीजीएसटीअधिनियम, 2017 की धारा 110 में संशोधन की सिफारिश की है, जिसमें व्यवस्था होगी कि,दस वर्षों से वकील व्यक्ति जिसे अपीलीय न्यायाधिकरण,केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवाकरन्यायाधिकरण राज्य वैट न्यायाधिकरणों या अन्य नामों से ज्ञातन्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में अप्रत्यक्ष कर कानूनों में मुकदमे बाजी का पर्याप्त अनुभव है, वह न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होगा अध्यक्ष और सदस्य के रूप में नियुक्ति हेतु पात्रता हेतु न्यूनतम आयु 50 वर्ष होनी चाहिए, अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल क्रमश:, अधिकतम 70 वर्ष और 67 वर्ष की आयु तक होगा।

साथियों बात अगर हम व्यापार को सुविधाजनक बनाने के उपायों की करें तो, (स) ऐसे मामलों में जहां स्वीकार्य समय अवधि के भीतर अपील दायर नहीं की जा सकी, मांग आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने हेतु माफी योजना : परिषद ने वैसे कर योग्य व्यक्तियों के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 148 के तहत एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से एक माफी योजना प्रदान करने की सिफारिश की है, जो सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 73 या 74 के तहत 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले पारित मांग आदेश के खिलाफ उक्त अधिनियम की धारा 107 के तहत अपील दायर नहीं कर सके या जिनकी उक्त आदेश के खिलाफ अपील केवल इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि उक्त अपील धारा 107 की उप-धारा (1) में निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर दायर नहीं की गई थी।

ऐसे सभी मामलों में, करदाताओं द्वारा 31 जनवरी 2024 तक ऐसे आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि विवादित कर के 12.5 प्रतिशत की पूर्व-जमा राशि का भुगतान किया जाए, जिसमें से कम से कम 20 प्रतिशत (यानी विवादित कर का 2.5 प्रतिशत) इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से डेबिट किया जाना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में करदाताओं को सुविधा होगी, जो पूर्व में निर्धारित समयावधि के भीतर अपील दायर नहीं कर पाते थे।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जीएसटी काउंसिल की 52 वीं बैठक में महत्वपूर्ण बड़े फैसले हुए। जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक में मिलेट्स, वकीलों व्यापारियों, गन्ना किसानों को तोहफ़ा। बदलती परिस्थितियों के अनुसार जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक में टैक्स दरों में बदलाव, व्यापार की सुविधा के उपायों पर सराहनींय फैसले हुए।

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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