तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : हमारे अन्नदाता किसान यदि परेशान हुए तो देश में आंदोलन और आक्रोश का ऐसा तूफान खड़ा होगा जो सरकार की चूलें हिला कर रख देगा । इसलिए पूंजीपतियों की दलाली कर रहे सत्ताधीशों को अभी भी चेत जाना चाहिए । यह बात वामपंथी और कांग्रेस समेत तमाम भाजपा विरोधी संगठनों के नेताओं ने कही । सरकार द्वारा पेश कृषि सुधार बिल के विरोध में शुक्रवार को खड़गपुर तहसील के नारायणगढ़ में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह कहा ।
सभा को संबोधित करने वालों में भाकपा के विप्लव भट और माकपा के तापस सिन्हा प्रमुख रहे । अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में सरकार को ऐसी क्या जल्दी थी कि नई कृषि नीति को आनन फानन लागू करने की कोशिश की जाने लगी । जबकि इस संबंध में किसानों व राजनैतिक संगठनों की राय जानने की भी कोशिश नहीं की गई । इसकी आड़ में पूंजीपतियों की दलाली और फसल पर दिया जाने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने की कोशिश की जा रही है । इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
हैरत है कि जिन किसानों के लिए यह बिल लाया गया है उससे किसान ही खुश नहीं है , जबकि सरकार खुद को बड़ा किसान हितैषी साबित करना चाह रही है । इतिहास गवाह है कि अन्नदाता किसानों की नाराजगी ने बड़े बड़े सत्ता प्रतिष्ठानों के अहंकार को धूल में मिलाया है । इस सरकार को भी खामियाजा भुगतना होगा । राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ आंदोलन होगा ।