डॉ. आर. बी. दास की कलम से…

जानता हूं कि…
कुछ कमियां तो है मुझमें भी,
क्योंकि मैं कोई भगवान नही,
गर जीवन है तो उलझने भी हैं…
भला कैसे कहूं कि मैं परेशान नहीं…
यहां तो बस एक पल में जीवन बदल जाता है…
इसलिए जीवन के इस स्वरूप से मैं हैरान नहीं…
सुख, दुःख, गम और खुशियां इस जीवन का हिस्सा है,
यही सब तो है जीवन के साथी इससे भी मैं अनजान नहीं…
दुःख आते हैं चले जाते हैं और जिंदगी यू ही चलती है…
पर थक जाऊंगा जीवन से इतना भी मैं परेशान नहीं…
देखते हैं अब जीवन के ये अनजाने रास्ते ले जाते है कहां हमे…
पर खो जाऊंगा इन राहों पर इतना भी अब नादान नहीं…।

Dr. R.B. Das
Ph.D (Maths, Hindi) LLB

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