आंखों में कई ख्वाब,
दिल में कई हसरतें बाकी हैं,
मैं कैसे थक जाऊ…
अभी कई मंजिले बांकी हैं,
कहां कुछ आसान है,
राह में कई मुश्किलें बाकी है,
कैसे छोड़ दूं अधूरा ये सफर,
मेरी कहानी के कई पन्ने अभी बाकी है…
ना लोग हमारे साथ इस जहां से जायेंगे,
ना हम इस जहां से किसी के साथ जायेंगे,
फिर क्यों सफर में किसी के होने या न होने से फर्क पड़े,
जिंदगी के मोड़ पे एक दिन सब बिछड़ जायेंगे…
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