।।डॉ. आर.बी. दास की कविता।।
हर हंसी, खुशी नही होती,
हर गम भी बेवजह नही होता,
हर मुस्कान में छिपा है एक दर्द कही,
हर आंसू यू ही नहीं बहता,
हर चेहरे की चमक, सच्चाई नहीं,
और अंधेरा हमेशा डरावना नही होता,
टूट कर भी संभलना
हुनर है जिंदगी का,
बिखरना, मिट जाना नही होता,
हर राह में कांटे हो, ये जरूरी नही,
कभी फूल भी राहों को सजाते हैं,
सुबह का सूरज हमेशा चमकदार नही होता,
छांव में भी कभी तपिश सी लगती है,
हर साया राहत भरा नहीं होता…
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