Disabilities

डॉ. आर.बी. दास की कविता

जब झूठे शोर मचाते हैं,
तब सच्चे चुप हो जाते हैं,
जब सच्चे चुप हो जाते है तो,
झूठे खुश हो जाते है,
झूठे को ऐसा लगता है कि,
आज सच को हराया है,
वो क्या जाने की सच्चे ने
अपना किरदार निभाया है…
सुई की फितरत सिर्फ चुभने की होती है…
मगर धागे का साथ मिलते ही,
उसकी फितरत बदल कर
एक दूसरे को मिलाने की हो जाती है।
इसलिए अच्छी संगति से हमेशा सहयोग ही मिलता है…

Dr. R.B. Das
Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 + eighteen =