डॉ. आर.बी. दास की कविता

“खुश रहिए मस्त रहिए”
इस जीवन की चादर में,
सांसों के ताने बाने हैं,
दुःख की थोड़ी सी सिलवट है,
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं,
क्यों सोचें आगे क्या होगा,
अब कल के कौन ठिकाने हैं,
ऊपर बैठा वो बाजीगर,
जाने मन में क्या ठाणे है,
चाहे जितना भी जतन करें,
भरने का दामन तारों से,
झोली में वो ही आयेंगे,
जो अपने नाम के दाने हैं….!!

Dr. R.B. Das
Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission

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