River

डॉ. आर.बी. दास की कविता : मुसीबत में कोई नही

।।मुसीबत में कोई नही।।
डॉ. आर. बी. दास

सीता के रखवाले राम थे,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,

द्रोपदी के पांच पांडव थे,
जब चीर हरा तब कोई नहीं,

दशरथ के चार दुलारे थे,
जब प्राण गए तब कोई नहीं,

रावण भी शक्तिशाली थे,
जब लंका जले तब कोई नहीं,

श्रीकृष्ण सुदर्शन धारी थे,
जब तीर लगा तब कोई नहीं,

लक्ष्मण भी भारी योद्धा थे,
जब शक्ति लगी तब कोई नहीं,

शर शैय्या पर पड़े पितामह,
पीड़ा का साथी कोई नहीं,

अभिमन्यु राज दुलारे थे,
पर चक्रव्यूह में कोई नहीं,

सच यही है दुनिया वालों,
संसार में अपना कोई नहीं,

जो लेख लिखे हैं हमारे कर्मों ने,
उसे बांटने वाला कोई नहीं….!!

Dr. R.B. Das
Ph.D (Maths, Hindi) LLB

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ten + 9 =