डॉ. आर.बी. दास की कविता

।।डॉ. आर.बी. दास की कविता।।

टूट जाता है गरीबी में,
वो रिश्ता जो खास होता है,
हजारों यार बनते है,
जब पैसा पास होता है।
रोज याद न कर पाऊंगा,
खुदगर्ज न समझे लोग,
दरअसल छोटी सी जिंदगी है और
परेशानियां बहुत हैं…!!
मैं भुला नहीं हूं किसी को,
मेरे बहुत से अच्छे दोस्त है जमाने में…!!
बस जिंदगी उलझी पड़ी है…
दो वक्त की रोटी कमाने में…!!

Dr. R.B. Das
Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty + 9 =