।।रिश्ता दिसंबर..जनवरी का।।
डॉ. आर.बी. दास
कितना अजीब है ना, दिसंबर और जनवरी का रिश्ता…
जैसे पुरानी यादों और नए वादों का किस्सा..!!
दोनों काफी नाजुक है, दोनों में गहराई है…
दोनों वक्त के राही हैं, दोनों ने ठोकर खाई है…!!
यू तो दोनों का है, वही चेहरा वही रंग…
उतनी ही तारीखें उतनी ही ठंड…!!
पर पहचान अलग है दोनों की…!!
अलग है अंदाज अलग है ढंग…!!
एक अंत है तो एक शुरुआत…!
जैसे रात से सुबह और सुबह से रात…!
एक में याद है तो दूसरे में आश…!
एक को है तजुर्बा, दूसरे को है विश्वास…!!
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