डॉ. आर.बी. दास की रचना : लोग हैं

।।लोग हैं।।
डॉ. आर.बी. दास

आप सिर्फ अपनी खूबियां ढूंढो,
खामियां निकालने के लिए लोग हैं।

अगर रखना है कदम तो आगे रखो,
पीछे खींचने के लिए लोग हैं।

सपने देखना है तो ऊंचे देखो,
नीचा दिखाने के लिए लोग हैं।

आप अपने अंदर जुनून की चिंगारी
भड़काओ
जलने के लिए लोग हैं।

प्यार करना है तो खुद से करो,
नफरत करने के लिए लोग हैं।

आप अपनी अलग पहचान बनाओ,
भीड़ में चलने के लिए लोग हैं।

दुनिया को कुछ करके दिखाओ,
तालियां बजाने के लिए लोग हैं।

Dr. R.B. Das
Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission

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