थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं,
जज्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं,
यार के यारी को अपने साथ लिखूं,
या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं,
या तुझे देखूं फिर तेरी बात लिखूं,
तारीफ लिखूं या फरियाद लिखूं,
तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं,
या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं,
तुझे दिन या खुद को रात लिखूं,
बताओ यार आज तेरी कौन सी बात लिखूं…
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