वो भी क्या समय था…
जब किसी को स्टेशन छोड़ने जाओ तो…
आंखे नम हो जाया करती थी…
अब तो आंखें श्मशान में भी नहीं भीगती…
जन्म और मृत्यु अब मंहगे हो गए हैं…
सिजेरियन के बिना कोई आता नहीं …
और वेंटीलेटर के बिना कोई जाता नहीं…
कैसे हो पाएगी…
अच्छे इंसान की पहचान…
दोनो ही नकली हो गए हैं,
आंसू और मुस्कान…!!
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