डीपी सिंह की कुण्डलिया

।।कुण्डलिया।।

ऑक्सीजन हो या दवा, हस्पताल शमशान।
सबका रोना रो रहा, बेमतलब इंसान।।

बेमतलब इंसान, इधर सिर फोड़ रहा है।
असल समस्या देख, किन्तु मुँह मोड़ रहा है।।

जनसंख्या विस्फोट, प्रकृति का कर के दोहन।
कर लेगा निर्माण, मूर्ख! कितना ऑक्सीजन।।

–डीपी सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *