आदेश के बावजूद दिव्यांग को नौकरी नहीं, हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में अधिकारी को तलब किया

कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद माध्यमिक स्कूलों में एक दिव्यांग व्यक्ति को नौकरी नहीं दिए जाने को लेकर न्यायालय खफा है। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष रामानुज गांगुली को हाईकोर्ट ने तलब किया है। गुरुवार को न्यायमूर्ति अमृता सिंह की एकल पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उनकी नौकरी उन्हें नहीं दी गई। इसके बाद न्यायाधीश ने रामानुज गांगुली को व्यक्तिगत तौर पर आज ही अपराह्न की सुनवाई के समय हाजिर होने का आदेश दिया है।

12 वर्ष पहले पूर्व मेदिनीपुर के अंजन कुमार खाटूबा ने शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की थी। इसके बाद उन्हें नौकरी मिल गई थी लेकिन उन्हें नए सिरे से दिव्यांगता प्रमाण पत्र लाने को एसएससी ने कहा था। तब तक के लिए उन्हें नौकरी से हटा दिया गया था। पिछले महीने कोर्ट ने उन्हें नौकरी वापस देने का आदेश दिया था। उसी के मुताबिक स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने सिफारिश पत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेज दिया था। बावजूद इसके उन्हें नौकरी नहीं दी गई। इसके बाद ही न्यायालय ने रूल जारी करते हुए रामानुज को तलब किया है।

सूत्रों ने बताया है कि वर्ष 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा देकर अंजन शिक्षक के तौर पर नियुक्त हुए थे। एक आंख से देखने में असमर्थ अंजन को लेकर स्कूल सेवा आयोग ने उनकी दिव्यांग सर्टिफिकेट को स्वीकार नहीं किया और नया सर्टिफिकेट बनाने को कहा। बाद में अंजन ने हाईकोर्ट का रुख किया था जिसके बाद कोर्ट ने कमीशन को आदेश दिया था कि आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल बोर्ड बनाकर अंजन को प्रमाण पत्र दिया जाए। उसके बाद ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें तुरंत नौकरी भी लौटाई जाए, उन्हें नया प्रमाण पत्र लाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

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