डीपी सिंह की रचनाएं…

सनातन, शर, न ही शमशीर या गन-तन्त्र से हारा
न ही यह राक्षसी उत्पात, काले मन्त्र से हारा
रहा परतन्त्र सदियों तक, पराजय, पर नहीं मानी
मगर गणतन्त्र के रणक्षेत्र में षड्यन्त्र से हारा

डीपी सिंह

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