कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर हिंसा प्रभावित इलाके में लगे CCTV कैमरे

कोलकाता । हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक बीरभूम में घटनास्थल पर 24 घंटे कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सीसीटीवी के डीवीआर ज्यादा मेमोरी के होने चाहिए। कैमरे डिस्ट्रिक्ट जज की मौजूदगी में लगाए जायेंगे। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। इस घटना पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और गुरुवार को 24 घंटा निगरानी के लिए CCTV कैमरे लगाने का निर्देश दिया था। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हिंसा प्रभावित इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।

गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि सच सभी के सामने जरूर आना चाहिए। साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराए। इसके अलावा जहां इस हिंसा को अंजाम दिया गया, वहां किसी भी चीज से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश भी जारी किए गए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि इसके लिए कैमरे लगाए जाएं। हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक घटनास्थल पर 24 घंटे कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सीसीटीवी के डीवीआर ज्यादा मेमोरी के होने चाहिए। कैमरे डिस्ट्रिक्ट जज की मौजूदगी में लगाए जाएंगे। वहीं सबूत इकट्ठा करने के लिए सीएफएसएल टीम दिल्ली से बुलाई गई है। जब तक ये टीम सभी जरूरी चीजें मौके से इकट्ठा नहीं कर लेती है, तब तक उस जगह की कड़ी निगरानी रखी जाएगी और घटनास्थल की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी।

कलकत्ता हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस डिविजन बेंच ने मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही मामले की जांच को लेकर लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कोर्ट इस मामले पर रोजाना सुनवाई जारी रख सकता है। इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इस केस की जांच लेने की बात भी कही थी। नेशनल एजेंसी ने कोर्ट को कहा कि अगर हाई कोर्ट आदेश देता है तो वो इस मामले की जांच को ले सकते हैं।

इस हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। ममता ने कहा कि वो बीरभूम में हत्याओं को सही नहीं ठहरा रही हैं, लेकिन यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में ऐसी कई घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि ये पश्चिम बंगाल है, यूपी नहीं, इसीलिए यहां आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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