रिया सिंह की कविता : “हिंदी है हमारी राष्ट्रभाषा ”
हिंदी है हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी है हमारी राष्ट्रभाषा, हिंदी से है मेरी आशा हिंदी ने
रिया सिंह की कविता : “किताबों से तब प्रेम करना ”
किताबों से तब प्रेम करना जब लगे तुझे व्यर्थ जीवन किताबों से तब प्रेम करना
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रूम्पा की कविता : “फिर से मुस्कुराएगा हिंदुस्तान”
पूरे विश्व ने चुप्पी साध रखी है हर डगर में घूमता कोरोना उस हिटलर को
मदर्स डे स्पेशल : रूम्पा की कविता – “माँ तुम प्रेरणा हो”
माँ तुम प्रेरणा हो जीवन की, तुम ज्योति हो अंधकार मन की, तुम आशा हो
मदर्स डे स्पेशल : अनुपमा की कविता – “सब तुम हो माँ”
सब तुम हो माँ ईश्वर कहीं है तो वो तुम हो माँ। जन्नत कहीं है
मदर्स डे स्पेशल : घनश्याम प्रसाद की कविता – “मां का जीवन”
“मां का जीवन” मेरी माँ है तो आंगन है, तुलसी है, घर है.. चूल्हा है,
मदर्स डे स्पेशल : दिनेश लाल साव की कविता – “स्मृतियों की पगडण्डी पर”
स्मृतियों की पगडण्डी पर स्मृतियों की लताओं में उलझा सा इतराता रहा इस जीवन पर
मदर्स डे स्पेशल : रामअशीष प्रसाद की कविता – “माँ के आँचल में”
माँ के आँचल में माँ तुम्हारी आँचल की छाँव में जो सुख है वो कहीं
मदर्स डे स्पेशल : संचिता सक्सेना की कविता – “दुनिया है मां”
दुनिया है मां मां ने जीना सिखाया, सलीखा और फ़र्ज़ भी, हिम्मत भी बनी मेरी,
दिनेश लाल साव की कविता : संघर्ष
घनी अंधेरी रातों में उड़ते देखा है जूगनू को, लघु दीप का पुंज लिए उड़ती