शिखर संत एवं गुरू की स्मृति में 8 अगस्त को आभासी संगोष्ठी का आयोजन होगा
निप्र, उज्जैन। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 123वीं आभासी संगोष्ठी में महाराष्ट्र के शिखर संत एवं
केवल मनोरंजन के लिए कविता कर्म नहीं होना चाहिए
हिंदी के युगपुरुष राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का पावन स्मरण किया गया। निप्र, उज्जैन : भारत
प्रेमचंद का साहित्य कालजयी और आज भी प्रासंगिक : डॉ. शर्मा
प्रेमचंद का कथा साहित्य : सांस्कृतिक – राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में पर राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी निप्र,
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की स्मृति में आभासी संगोष्ठी का आयोजन
निप्र, उज्जैन : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 123वीं संगोष्ठी ‘राष्ट्र कवि श्री मैथिलीशरण गुप्त के
काव्यगोष्ठी उद्घोष प्रतियोगिता का आयोजन, परिणाम घोषित
निप्र, उज्जैन : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा 121वीं आभासी काव्य गोष्ठी ‘उद्घोष‘ कविता प्रतियोगिता, वर्षा
लोकमान्य तिलक की लेखनी से डरता था ब्रिटिश शासन – प्रो. शर्मा
निप्र, उज्जैन : लोकमान्य तिलक और उनका राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
प्रेमचंद जयंती पर विशेष कवितांजलि
आज बोलता है हे युग-पुरुष! ओ प्रेमचंद तेरी लेखनी के नींव पर है टीका हुआ
डीपी सिंह की रचनाएं
सूना सूना है गटर, कीड़े हैं नाराज़ थाली के हर छेद से, निकल रहे जो
ईश्वर चंद्र विद्यासागर पर पुस्तक विमोचित
अमितेश, खड़गपुर : लगातार प्राकृतिक आपदाओं के बीच ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की १३१ वीं पुण्य
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती पर आभासी संगोष्ठी का आयोजन होगा
नागदा (निप्र) : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा 121वीं आभासी संगोष्ठी में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद