सफलता का रास्ता आसान नहीं होता – प्रो शर्मा

  • राष्ट्रीय आभासी पटल पर हुआ सृजन साक्षात्कार कार्यक्रम

निप्र, उज्जैन : देश की जानी-मानी संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा राष्ट्रीय आभासीय पटल पर सृजन साक्षात्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष, कुलानुशासक एवं समालोचक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा का साक्षात्कार वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी, इंदौर एवं आयोजन में सहभागी साहित्यकारों द्वारा लिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार सुवर्णा जाधव, मुंबई ने की।

साक्षात्कार अवसर पर प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता का रास्ता आसान नहीं होता। इसलिए कठिन से कठिन कार्य करने के लिए तैयार रहना चाहिए। चुनौतियों से टकराकर ही मनुष्य अपने जीवन को सार्थक कर सकता है। प्रश्नों का जवाब देते हुए प्रो. शर्मा ने कहा कि उनकी सफलता में उनके परिवार और गुरुजनों का भरपूर योगदान रहा है। कार्यक्रम में उनसे देवनागरी लिपि, हिंदी भाषा, जीवन के प्रमुख पहलुओं और समय प्रबंधन पर प्रश्न किए गए, जिनके उन्होंने उत्तम रूप से जवाब दिए।

कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष प्रो. ब्रजकिशोर शर्मा, नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल, सुवर्णा जाधव, संस्था के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी, महिला इकाई की मुख्य महासचिव डॉ. रश्मि चौबे गाजियाबाद, राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, छत्तीसगढ़, रोहिणी डाबरे, महाराष्ट्र, पूर्णिमा कौशिक, अध्यक्ष छत्तीसगढ़, संयोजक बालासाहेब तोरस्कर आदि के प्रश्नों का बहुत ही सुंदर रूप से जवाब देते हुए डॉ. शर्मा का सृजन साक्षात्कार संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में सुरेखा मंत्री जी आदि अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत रूली सिंह, मुंबई की सरस्वती वंदना से हुई। स्वागत भाषण डॉ. प्रभु चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. शिवा लोहारिया, जयपुर द्वारा प्रस्तुत की गई। डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद ने प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन लता जोशी मुंबई ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर, छत्तीसगढ़ ने किया।

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