श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : “जो जस करहिं, सो तस फल चाखा”

मरणासन्न व्यक्ति कभी हँसता और कभी रोता है, वह उसके अच्छे कर्मों और बुरे कर्मों

महाराष्ट्र के शिखर संत का ज्ञानवाणी एवं गुरु परंपरा पर आभासी संगोष्ठी संपन्न

निप्र, उज्जैन : राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी का आयोजन

बंगीय हिंदी परिषद के तत्वाधान में कवि-कल्प की गोष्ठी का आयोजन गुगल मीट के माध्यम से संपन्न

निप्र, कोलकाता : बंगीय हिन्दी परिषद के तत्वावधान में रविवार को संध्या 5:00 बजे गूगल

डीपी सिंह की रचनाएं

जाने किसने कह दिया, हुआ कहाँ से भान देखो देखो ले गया, कौवा तेरा कान

शिखर संत एवं गुरू की स्मृति में 8 अगस्त को आभासी संगोष्ठी का आयोजन होगा

निप्र, उज्जैन। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 123वीं आभासी संगोष्ठी में महाराष्ट्र के शिखर संत एवं

केवल मनोरंजन के लिए कविता कर्म नहीं होना चाहिए

हिंदी के युगपुरुष राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का पावन स्मरण किया गया। निप्र, उज्जैन : भारत

प्रेमचंद का साहित्य कालजयी और आज भी प्रासंगिक : डॉ. शर्मा

प्रेमचंद का कथा साहित्य : सांस्कृतिक – राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में पर राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी निप्र,

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की स्मृति में आभासी संगोष्ठी का आयोजन

निप्र, उज्जैन : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 123वीं संगोष्ठी ‘राष्ट्र कवि श्री मैथिलीशरण गुप्त के

काव्यगोष्ठी उद्घोष प्रतियोगिता का आयोजन, परिणाम घोषित

निप्र, उज्जैन : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा 121वीं आभासी काव्य गोष्ठी ‘उद्घोष‘ कविता प्रतियोगिता, वर्षा

लोकमान्य तिलक की लेखनी से डरता था ब्रिटिश शासन – प्रो. शर्मा

निप्र, उज्जैन : लोकमान्य तिलक और उनका राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी