लखनऊ बुक फेयर के माध्यम से रविंद्रालय पर बने महत्त्वपूर्ण कलाकृति बनी चर्चा का विषय
– उत्तर प्रदेश में आधुनिक कला जगत का प्रतिनिधित्व करती कलाकृतियों के रखरखाव आवश्यक है
चित्रकार के चित्रों की भाषा ही सब समझते हैं, इसे सहज और सरल रखें – रागिनी उपाध्याय
नेपाल के कला जगत में रागिनी उपाध्याय ग्रैला एक बेहद सम्मानित नाम हैं, रागिनी
पंकज की कृतियों में ब्रह्मांडीय नृत्य की स्थिति का समग्र दर्शन
लखनऊ। रविवार की सायं सराका आर्ट गैलरी लखनऊ में उत्तर प्रदेश गाज़ीपुर जनपद के रहने
‘डार डार पर बोले कारी कोयलिया, रूत आ गई वसंत की सारी डगरिया’
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। आज ही एक हरितिमा युक्त साधारण-सा कृत्रिम शहरी बाग में प्रातः
इंडिया आर्ट फेस्टिवल 2024 में राजस्थान के उदयपुर की रिया वैष्णव और पिचवाईवाला भी हुए शामिल
काली दास पाण्डेय, मुंबई। मुंबई में आयोजित चार दिवसीय इंडिया आर्ट फेस्टिवल 2024 में राजस्थान
जलज स्मृति सम्मान – 2024 से सम्मानित हुए प्रतिष्ठित छाया चित्रकार अनिल रिसाल
– मुझे अभी फोटोग्राफी में बहुत काम करना है, बहुत कुछ सीखना भी है यही
देश के प्रतिष्ठित मूर्तिकार रमेश बिष्ट का निधन, कला जगत में शोक
प्रतिष्ठित मूर्तिकार रमेश बिष्ट के कृतियों की अंतिम एकल प्रदर्शनी सराका आर्ट गैलरी लखनऊ में
अनन्त जीवन का इतिहास अब YouTube पर
सुप्रकाश चक्रवर्ती, कोलकाता। बहुत से लोग मौत से डरते हैं। परीक्षा में असफल होने या
आशा विनय सिंह बैस की कलम से : यक्ष-यक्षिणी
आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। कहते हैं कि यक्ष-यक्षिणी में देवताओं की तरह दैविक
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या अंतर है?
आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। जानिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने