चुनावी हिंसा पर आंदोलन के लिए भाजपा को नहीं मिली अनुमति, प्रदर्शन पर अड़ी पार्टी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान राज्य भर में हुए व्यापक हिंसा, लूटपाट और तोड़फोड़ की घटनाओं के खिलाफ कोलकाता में विरोध प्रदर्शन करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को अनुमति नहीं मिली है। पुलिस ने यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि 15 दिनों पहले प्रदर्शन के लिए आवेदन करना पड़ता है। हालांकि दूसरी और भाजपा प्रदर्शन पर अड़ी हुई है। पार्टी के महासचिव जगन्नाथ चटर्जी ने कहा कि हमेशा की तरह पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर हमें अपने लोकतांत्रिक अधिकार के अनुसार सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी है। क्योंकि यहां लोकतंत्र नहीं है तो यह कोई नई बात नहीं है। हम हर हाल में सड़कों पर उतरेंगे और ममता बनर्जी के बर्बर और हिंसक शासन तथा प्रशासन की विफलता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने बुधवार सुबह कहा कि आज हर हाल में कोलकाता में हमारा प्रदर्शन होगा। इसके लिए पुलिस अगर बर्बरता करती है तो हम उसे सहने के लिए सीना तान कर खड़े रहेंगे। भाजपा सूत्रों ने बताया है कि इसमें पार्टी के राज्य स्तर के तीन बड़े नेता प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और उपाध्यक्ष दिलीप घोष हिंस्सा लेंगे। यह कॉलेज स्क्वायर से शुरू होगा और धर्मतल्ला के रानी रासमणि एवेन्यू के पास खत्म होगा। जगन्नाथ ने कहा कि 10 जून से 15 जुलाई के बीच करीब 3500 भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले किए गए हैं। करीब 2900 भाजपा कार्यकर्ता घायल हैं और इनमें से 650 को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है। 11 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया है।

सबसे अधिक ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर में हमले हुए हैं। इसके अलावा हावड़ा, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, उत्तर 24 परगना, श्रीरामपुर, मेदनीपुर, झाड़ग्राम, दिनाजपुर और बीरभूम में हमले की घटनाएं हुई हैं। साक्ष्यों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट में जमा की गई है। उन्होंने कहा कि बंगाल का ऐसा कोई भौगोलिक क्षेत्र नहीं है जहां तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले नहीं किए। निश्चित तौर पर इसके खिलाफ प्रदर्शन करने का हमें लोकतांत्रिक अधिकार है।

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