कई राज्यों से पिछड़ गया है बंगाल की प्रतिव्यक्ति आय – भाजपा प्रवक्ता धीरज मोहन घोष

जलपाईगुड़ी। भले ही सरकार ने एगिये बांगला का नारा लगाये लेकिन बंगाल की प्रतिव्यक्ति आय कई राज्यों से पिछल गया है। सोमवार को भाजपा की ओर से देश और राज्य की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। भाजपा प्रवक्ता धीरज मोहन घोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा दावा किया, ‘हम इन दो शब्दों ‘एगिये बंगला’ से बहुत परिचित हैं। लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें तो बंगाल के पिछड़ेपन की तस्वीर आसानी से हमारी आंखों के सामने तैर जाती है। 1980 के बाद से, प्रति व्यक्ति आय के मामले में पश्चिम बंगाल लगातार गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब से पीछे रहा है।

2011 में जब तृणमूल सत्ता में आई तो इन चार राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल 11 अन्य राज्यों से पीछे था। 2018-19 में स्थिति और खराब हुई। फिलहाल पश्चिम बंगाल इन 15 राज्यों के साथ-साथ त्रिपुरा, राजस्थान, तेलंगाना से भी पीछे हो गया है। इस गणना से स्पष्ट होता है कि बंगाल वास्तव में आगे नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि मानव विकास सूचकांक के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय में पश्चिम बंगाल की सफलता अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है।

उन्होंने कहा कि निजी संगठन “प्रथम” की वार्षिक रिपोर्ट में भी पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों की बदहाली का खुलासा हुआ है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार ने राज्य में स्कूलों की गुणवत्ता को गिरा दिया है। भाजपा के प्रवक्ता ने दावा किया कि तृणमूल के भ्रष्ट नेताओं ने अयोग्य उम्मीदवारों से घूस लेकर नौकरी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए उन्होंने कई अन्य मामलों में राज्य की खराब छवि को उजागर किया।

तीन मूलभूत मांगों को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

अलीपुरद्वार। अलीपुरद्वार जिले के बीरपाड़ा में सोमवार को भाजपा के मदारीहाट 1 नंबर मंडल कमेटी ने विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। धरने में भाजपा जिलाध्यक्ष भूषण मोदक, भाजपा मदारीहाट विधायक मनोज तिग्गा सहित अन्य भाजपा नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। मदारीहाट के विधायक मनोज तिग्गा ने आज के विरोध कार्यक्रम के बारे में कहा कि, विरोध मुख्य रूप से तीन मांगों पर आधारित है। बीरपाड़ा रेलवे स्टेशन पर डोलोमाइट की लोडिंग और अनलोडिंग को स्थानांतरित करने की लंबे समय से मांग की जा रही है।

रेलवे इसके लिए तैयार है लेकिन राज्य सरकार द्वारा भूमि नहीं दिए जाने के कारण इसे स्थानांतरित करना संभव नहीं हो रहा है। इसके अलावा बीरपाड़ा रेलगेट क्षेत्र में रेलवे ओवर ब्रिज बहुत जरूरी है। ओवर ब्रिज के लिए लंबे समय से रेलवे विभाग जमीन की मांग कर रहा है। लेकिन राज्य सरकार नहीं मान रही है। यहां भी बात जमीन पर अटकी हुई है। इसके अलावा बीरपाड़ा वासियों को जमीन का पट्टा देने की मांग रखी गयी है। इन तीनों मांगों को लेकर आज वे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

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